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Best तुम्हारा_मन_मेरी_समझ Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shree

मुझे ना तुम ऐसे ही अच्छी लगती हो!
बाल थोड़े उलझे,थोड़े बिखरे हुए...
कानबालियों से खिंचकर गर्दन पर गिरते हुए,
आंखें उनींदी सी, बुझी बुझी हुई
अलसाई हुई काजल मली पलकें कुछ झुकी सी,
होंठ थोड़े गहरे रंग के बिन लाली के,
जो चेहरे के तेज को जैसे किनारे की वजह देते हैं,
कोई ठहराव सा। ले आते हैं जीवन में...
हाय! ये हंसी... मोती से सफेद.. सौम्य मुस्कान,
एक तो तुम्हारी ठोड़ी के नीचे और
दूसरा होंठों के दाईं तरफ का तिल,
क्या कहूं! गुलदाऊदी सी चहकती चमकती
आंखों की पुतलियां फड़फड़ा कर...
धड़कनें तेज कर देती हो!
तुम सुनो ना, श्रृंगार ना किया करो...
श्रृंगार तुम्हारे सौंदर्य को कम सा ना कर दें..! #मैंसांसलेताहूंतेरीखुशबूआतीहै
#a_journey_of_thoughts 
#तुम्हारा_मन_मेरी_समझ
Shree  

PC swayam hum 🤭

Shree

"मेरे साथ रहो ना, मेरे पास रहो ना, कहां गुम हो जाते हो! मेरी हर बात सुनो ना, तुमसे प्रेम है, कहो ना! क्यों चुप हो जाते हो?

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लौ     "मेरे साथ रहो ना,
मेरे पास रहो ना,
कहां गुम हो जाते हो!

मेरी हर बात सुनो ना,
तुमसे प्रेम है, कहो ना!
क्यों चुप हो जाते हो?

Shree

श्रृंगार सोलह कर लो केश कुंतल संवार लो काजल की धार पहन कानों में पड़ी बालियां उसमें झूलती झुनकियां! होठों पर पराग सी लाली परिमल बन मन सुंदर

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...
रखी बचा प्रतीक्षा की बैचैनी
कभी रंजनीगंधा गुंथ सुगन्ध
कभी किरणों पर सोने चढ़ी
कभी नीम सी गले अटकी
शहद सम मिठी स्मृति बनी...

इत उत पल पल अब तब हुई
बस एक मिलन की होड़ लगी।  श्रृंगार सोलह कर लो
केश कुंतल संवार लो
काजल की धार पहन 
कानों में पड़ी बालियां
उसमें झूलती झुनकियां!

होठों पर पराग सी लाली 
परिमल बन मन सुंदर

Shree

कैसे कहूं कि तुम सिर्फ मेरे हो, तुम्हें पाने से ज्यादा जरुरी तुम्हारा होना है। मैं स्वार्थी नहीं। दासी से भाव रखें है जब प्यार देना हो, और पाने के समय सुर्यमुखी से, जिसे दिन के विघटन सी सामान्य जान पड़ती है विदाई। ऐसा नहीं कि बिछोह का दर्द नहीं होता है, ये मिलन की ख्वाहिशें है जो सुकून पर भारी पड़ती है। ये ख्वाहिशें टोह लेती है मन का हर अछूता कोना जो कहीं चुपचाप सोया हुआ हो। सरगोशियां इन हवाओं की सरसराहट बन अंबी और मोर के सुंदर छाप हृदय पटल पर गढ़ते जाते हैं। जैसै, तुम प्रेम हो, वो जो किसी स

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सुनो ना.... प्रेम! कैसे कहूं कि तुम सिर्फ मेरे हो, तुम्हें पाने से ज्यादा जरुरी तुम्हारा होना है। मैं स्वार्थी नहीं। दासी से भाव रखें है जब प्यार देना हो, और पाने के समय सुर्यमुखी से, जिसे दिन के विघटन सी सामान्य जान पड़ती है विदाई। 

ऐसा नहीं कि बिछोह का दर्द नहीं होता है, ये मिलन की ख्वाहिशें है जो सुकून पर भारी पड़ती है। ये ख्वाहिशें टोह लेती है मन का हर अछूता कोना जो कहीं चुपचाप सोया हुआ हो। सरगोशियां इन हवाओं की सरसराहट बन अंबी और मोर के सुंदर छाप हृदय पटल पर गढ़ते जाते हैं। 

जैसै, तुम प्रेम हो, वो जो किसी स

Shree

कितना आसान है कहना... निकल जाओ मेरे जीवन से! क्या किसी शौक से पड़े हैं सुन्न, मन, हाथ, पैर और जुबान यूं! कदर अपनी नहीं जब आपको किस फजीहत से बचेंगे आप? मेहरबानियां मर्जी की मेहमान

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कितना आसान है कहना...
निकल जाओ मेरे जीवन से!
क्या किसी शौक से पड़े हैं सुन्न,
मन, हाथ, पैर और जुबान यूं!

कदर अपनी नहीं जब आपको
किस फजीहत से बचेंगे आप?
मेहरबानियां मर्जी की मेहमान..
मुजरिम अपने स्वाभिमान के खुद!

कीमत लगाई हरदम कम अपनी..
सबको हुए हासिल, ये वाजिब..!
बारी-बारी गला रेता, अरमां तोड़े..
नाकाबिल रहे, तारीफ़ यही मुनासिब!

कह देते कि नहीं हैं तुम्हारे काबिल..
फ़क़त अपने काबिल जरा जो बचते! कितना आसान है कहना...
निकल जाओ मेरे जीवन से!
क्या किसी शौक से पड़े हैं सुन्न,
मन, हाथ, पैर और जुबान यूं!

कदर अपनी नहीं जब आपको
किस फजीहत से बचेंगे आप?
मेहरबानियां मर्जी की मेहमान

Shree

तीन टुकड़ा चांद, दो तुम्हारी आंखें एक बैठा आसमान! हद से गुज़र बेसब्र ये माहरु ऐसे उलझा तीन टुकड़ा चांद मेरा...

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तीन टुकड़ा चांद, दो तुम्हारी
आंखें, एक बैठा आसमान...
🌜 तीन टुकड़ा चांद, दो
तुम्हारी आंखें एक 
बैठा आसमान! 

हद से गुज़र बेसब्र 
ये माहरु ऐसे उलझा
तीन टुकड़ा चांद मेरा...

Shree

Full piece 👇 अच्छा! तो तुम्हारे प्यार की है उम्र बस इतनी... कमर पर पड़े हैं बल कितने, सिर पर बचे हो बाल जितने, मुंह में गिनों बैठ दांत कितने!!

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अच्छा! तो तुम्हारे प्यार की है 
उम्र बस इतनी...
कमर पर पड़े हैं बल कितने,
सिर पर बचे हो बाल जितने,
मुंह में गिनों बैठ दांत कितने!! Full piece 👇


अच्छा! तो तुम्हारे प्यार की है 
उम्र बस इतनी...
कमर पर पड़े हैं बल कितने,
सिर पर बचे हो बाल जितने,
मुंह में गिनों बैठ दांत कितने!!

Shree

हां, कुछ नहीं!! 🙏🏻 कुछ नहीं है पुरुष में जो स्त्री को देख-कह-सुन नहीं, छूने को जगे.. कुछ नहीं है पुरुष में जो स्त्री के वजहों-वजन में निहित, वहम सा लगे..

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कुछ नहीं !!  हां, कुछ नहीं!! 🙏🏻
कुछ नहीं है पुरुष में
जो स्त्री को देख-कह-सुन नहीं,
छूने को जगे.. 

कुछ नहीं है पुरुष में
जो स्त्री के वजहों-वजन में निहित,
वहम सा लगे..

Shree

तुम कोई नहीं हो मेरे,‌ पर हां मेरे सब कुछ हो, अंबर रुठ जाए तो सूरज दिन ठहर जाए तो चंदा वक्त की फ़ेहरिस्त में सबब‌ तुम सुकूं,तुम्हीं एतवार हो

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है ना, कहिए! तुम कोई नहीं हो मेरे,‌ 
पर हां मेरे सब कुछ हो,

अंबर रुठ जाए तो सूरज
दिन ठहर जाए तो चंदा

वक्त की फ़ेहरिस्त में सबब‌
तुम सुकूं,तुम्हीं एतवार हो

Shree

गुजर जाएगा यह वक्त.. हो जाएंगे हृदय फिर से सख्त सूख जाएंगे आंसू सब.. ज्यों आएंगे नये मुकाबले कम्बख्त! खमन पुराने ज़ख्मों पर नहीं, जंग, धूल और काई पर डाल फ़क़त.. चमकाने को समानांतर मुकाम,

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गुजर जाएगा यह वक्त.. 
हो जाएंगे हृदय फिर से सख्त 
सूख जाएंगे आंसू सब.. 
ज्यों आएंगे नये मुकाबले कम्बख्त! 

खमन पुराने ज़ख्मों पर नहीं, 
जंग, धूल और काई पर डाल फ़क़त.. 
चमकाने को समानांतर मुकाम, 
मरने को जाने करते सब कितने जतन! 

मन षोडष कलाओं में निपुण, 
धर लेता अनशन, बन जाता है निर्गुण 
वर्क चांदी की ना सोने का पानी, 
कभी बहरुपिए कभी प्रेयस की ज़िन्दगानी!  गुजर जाएगा यह वक्त.. 
हो जाएंगे हृदय फिर से सख्त 
सूख जाएंगे आंसू सब.. 
ज्यों आएंगे नये मुकाबले कम्बख्त! 

खमन पुराने ज़ख्मों पर नहीं, 
जंग, धूल और काई पर डाल फ़क़त.. 
चमकाने को समानांतर मुकाम,
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