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Mahima Jain
•| पर्यायवाची कविता |• ' गर्व ' जिसको करना था, ' घमंड ' था उसने कर लिया। ' मान ' सम्मान सब मिट गया, ' अहंकार ' भी चकनाचूर हुआ।। मेरी पहली पर्यायवाची कविता। ❤️ शब्द - अहंकार पर्यायवाची - गर्व, घमंड, मान ____________________________________________ Challange done for - कोरा काग़ज़ and Nidhi Bansal #कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता
मेरी पहली पर्यायवाची कविता। ❤️ शब्द - अहंकार पर्यायवाची - गर्व, घमंड, मान ____________________________________________ Challange done for - कोरा काग़ज़ and Nidhi Bansal #कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता
read moreInsprational Qoute
देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई, उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो मेरे दिल मे बस गई, शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है, उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई, अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना, बयाँ होगा नही खामोश रहे कैसे इस ग़रीब दिल को वो जच गई, कर दिया ये दिल का मकां भी खाली बस उसी को बसाना है, जब भी सामने पेशकश करती है कुछ नही बस सांसे थम गई, देखो तो सही ये गबरू जवान एक मे सौ को पछाड़ने वाला है, जब भी नज़रे वो उठाये तो तपिश में भी वो मुझे सुन्न कर गई, छोड़ो भी ये अमीरी ग़रीबी का खेल ये मोहब्बत में आई बाधा है, अब तो ये दिवानगी की हद इतनी बढ़ जायेगी ऐसा असर कर गई। देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई, उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो मेरे दिल मे बस गई, शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है, उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई, अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना,
देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई, उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो मेरे दिल मे बस गई, शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है, उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई, अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना,
read moreashutosh anjan
जन्म मृत्यु पाना खोना ये चलता रहेगा व्यापार जीवन का रोज़ बदलता रहेगा जब तक साँसों की आवजाही जारी रहेगी समय निर्मित ये ताना बाना पलता रहेगा ना सफ़लताओं पर इतरा ना पराजय से घबरा सूर्य विजय का उदय होगा पराजय का तारा ढ़लता रहेगा स्वप्नों के आकाश और आकांक्षाओं की धरा बनकर अमावस का चाँद,रात को यूँही छलता रहेगा ये ईर्ष्या अहंकार बेईमानी और झूठ का पौधा ठीक प्रेम के बरगद के नीचे फलता रहेगा अस्पष्ट रास्तों पर मृगतृष्णा के पीछे दिन प्रतिदिन घावों पर घाव सिलता रहेगा ना सत्य से भेंट होगी ना ख़ुद से साक्षात्कार आने जाने मिलने बिछड़ने का कारवां चलता रहेगा। #कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #जीवन_का_कारवां #हिंदी_काव्य #आशुतोष_अंजान
ashutosh anjan
नव वर्ष की अंनत शुभकामनाएं सभी को। ❤️नया साल 2021!❤️ (लेख ✍️कैप्शन👇 में है) लेख- 2021! नया साल नया साल 2021! 2020 कम मीठी ज्यादा खट्टी यादों के साथ अंततः विदा हो गया। अहमद फ़राज़ का शेर है कि- "न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है,
लेख- 2021! नया साल नया साल 2021! 2020 कम मीठी ज्यादा खट्टी यादों के साथ अंततः विदा हो गया। अहमद फ़राज़ का शेर है कि- "न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है,
read moreashutosh anjan
क़ैद रहकर भी नित नए साँचे में ढ़लना होगा, पथ प्रेम का हो या जीवन का बदलना होगा। न्यूनता की बेड़ियों में जकड़ गया हूँ इस कदर, पराजयों से सीख लें कुछ क़दम चलना होगा। बाधाओँ की पुस्तक खोल बैठ जाए जब कोई, बता देना कि निखरने की ख़ातिर जलना होगा। अहं हो जाए जब सत्ता शरीर और सम्पत्ति का, बानगी दे लंकेश की और कहना बदलना होगा। घनी रात ओझल चाँद और हवा से लड़ता चिराग़ कुछ देर का ही है अंधेरा सूर्य को निकलना होगा। दर्शन जीवन का बस इतना सा समझ लीजिए, निरंतर गिरना होगा और स्वयं संभलना होगा। #कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #yourquotedidi #ग़ज़ल #दर्शन_ए_ज़िंदगी
ashutosh anjan
नभ के आलिंगन में, लिपटा वो मुझें हमेशा मेरा साथी सा लगता है इक सन्नाटा उधर भी है तो ख़ामोश मैं भी हूँ पीड़ा मे वो है दर्द में मैं भी हूँ इक धब्बा उसके दामन पर कुछ दाग मेरे माथे पर है अंकित जलते दोनों है संभवतः पश्चाताप की धवल अग्नि में लोग समझतें है रौशन हमें कुछ बादल ढ़क लेते है उसे कभी परिस्थितियाँ ढ़क लेती है मुझें हर रात जगता है वो तो रतजगा मैं भी हूँ गर वो अब्र का चांद ठहरा तो मैं भी ज़मीं का सहरा हूँ। दोनों अधूरे है मैं और चाँद! #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #yqdidi #yqbaba #मैं_औऱ_चाँद #जीवनरंग
Divyanshu Pathak
गीत - जो होगा देखा जाएगा। ------------------------------- वर्जनाओं से न डरना सीख जाना तुम कभी। सर्जनाओं से न करना मुह छिपाई तुम कभी। वक़्त और हालात से झुकना तुझे ना आएगा! बे-फ़िकर हो चल पड़े जो होगा देखा जाएगा। है कठिन ये राह लेकिन तुम भी तो भीरू नहीं! है लगन जो दिल में तेरे तुझसा कोई धीरू नहीं। हर क़दम छलनी हुआ काँटों से रुक ना पायेगा! बे-ख़ौफ़ हो चल पड़े जो होगा देखा जाएगा। तुम हो प्रहरी धर्म के और राष्ट्र के नायक सदां। सत्य का संधान करना मिथ्य के दाहक सदां। भीड़ बनकर अब नहीं तू और खोना चाहेगा! बे-क़दर हो भूलना मत जो होगा देखा जाएगा। #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kkपाठक_पुराण_पंछी
Divyanshu Pathak
1. प्रेम की व्याकरण ( प्रेमरस) प्रेम पंथ की बनकर किताब तुम मेरे सामने आती हो ! एक अल्हड़ से मस्त भ्रमर को तुम पाठक कर जाती हो !! स्वर व्यंजन के शब्द जाल को चुपके से यार बिछाती हो ! सन्धी कर खुद हो समास तुम प्रत्यय मुझे बनाती हो !! क्रियाविशेषण सर्वनाम सब तुम उपसर्ग लगाती हो ! महाप्राण का कारक बन अन्तःस्थ हृदय हो जाती हो !! 😂 इस प्रेमग्रंथ की व्याकरण पढ़ने में तो सहज है समझ मुश्किल से आती है !! तेरा ये अव्ययीभाव स्वरूप ठगधिकार सा लगता है ! इसकी आत्मनेपद प्रक्रिया
😂 इस प्रेमग्रंथ की व्याकरण पढ़ने में तो सहज है समझ मुश्किल से आती है !! तेरा ये अव्ययीभाव स्वरूप ठगधिकार सा लगता है ! इसकी आत्मनेपद प्रक्रिया
read more💞Seema Yadav💞
इतना सज संवर के यूँ तुम महफ़िल में न जाया करो जब जाया करो दीवानों की नगरी में तो थोड़ा काजल लगा के जाया करो #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #विशेषप्रतियोगिता #kkseemayadav
💞Seema Yadav💞
एक आहट पे ऐसा लगा कि वो आएं हैं उनसे मिलने की चाहत में हम भागे कौन बताए मेरी दीवानगी असर चोट लगी पर एहसास न पाए न जाने कैसे हम दीवार से टकरा गए 😜😜😜😜 #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #विशेषप्रतियोगिता #kkseemayadav