जन्म मृत्यु पाना खोना ये चलता रहेगा व्यापार जीवन का रोज़ बदलता रहेगा जब तक साँसों की आवजाही जारी रहेगी समय निर्मित ये ताना बाना पलता रहेगा ना सफ़लताओं पर इतरा ना पराजय से घबरा सूर्य विजय का उदय होगा पराजय का तारा ढ़लता रहेगा स्वप्नों के आकाश और आकांक्षाओं की धरा बनकर अमावस का चाँद,रात को यूँही छलता रहेगा ये ईर्ष्या अहंकार बेईमानी और झूठ का पौधा ठीक प्रेम के बरगद के नीचे फलता रहेगा अस्पष्ट रास्तों पर मृगतृष्णा के पीछे दिन प्रतिदिन घावों पर घाव सिलता रहेगा ना सत्य से भेंट होगी ना ख़ुद से साक्षात्कार आने जाने मिलने बिछड़ने का कारवां चलता रहेगा। #कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #जीवन_का_कारवां #हिंदी_काव्य #आशुतोष_अंजान