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Amit Singhal "Aseemit"

स्मृति.... Monika

#कर दो अमर, हे अमर अक्षर !

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तुम 'अक्षर ', किंतु मैं हूँ' नश्वर',       फिर भी मिलने को हूँ आतुर प्रतिक्षण.... परिवर्तित होता नित युग व पहर....... तुम अनंत, अगाध, अथाह सागर...... मैं वर्धित, व्यवकलित लहर                प्रेम दीप जलता ह्रदय में  सिहर -सिहर.......         मैं जीर्ण -शीर्ण कंपित इक स्वर.. तुम अमर, अमिट, परिष्कृत 'अक्षर '...मुझ निरीह "स्मृति "को स्वयं में समाहित कर..... कर दो' अमर ' हे अमर "अक्षर "!! #कर दो अमर, हे अमर अक्षर !

Anil Vidyadhikary

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मैं शज़र डाल का शुभ्र अधखिला फूल
चमन में प्रीति लिए आया हूँ
अमर राग का सजल धवल प्रतिरूप
पटल का रूप लिए आया हूँ
काँटो में रहन-सहन मेरा झुरमुटों से पक्की यारी है
हैं साथ-साथ हम पले बढ़े पत्तियों से रिश्तेदारी है
शुचि आब हवा में सिहर सिहर
दिशि शुद्ध बन गया मधु पीकर
नभ में जलरव की धूलि निरख
कलि पुष्प बन गया हिम पीकर
पावस निसीथ की रातों में मलयज को रोज जना मैंने
अरुणिम प्रभात की वेला में नव रेणु-पराग सना मैंने
मैं शुद्ध सहज अभिभूत अमन का गीति लिए आया हूँ
साथ मधुर संगीत लिए आया हूँ......................
                                                -   अनिल विद्याधिकारी

omnath

#you#only#you nojoto

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नाराज़ मन सिमट जाता हैं 
जब तेरे होठो से मैं नाराज सुनता हूँ 
तन सिहर जाता हैं 
तेरे रूठे अल्फाज सुनता हूँ 
डर भी जाता हैं मेरा दिल
जब तेरे बदले मिज़ाज़ सुनता हूँ 😡
मन सिमट जाता हैं मेरा 
जब तेरे होठो से मैं नाराज सुनता हूँ
गर-खता हो 
तो सजा देना हमे 
बस रूह की ख़्वाहिश 
जो दिल से आज सुनता हूं 
जीत पर हो जशन तेरे👑
तेरी हार हर एक रियाज सुनता हूँ 🎶
मन सिमट जाता हैं 
जब तेरे होठो से मैं नाराज सुनता हूँ
देखता हूं जब मैं  तुमको
धड़कन की आवाज सुनता हूं 
थाम कर रफ़्तार दिल की 💓
छोटी बड़ी हर राज सुनता हूँ 
मन सिमट जाता हैं 
जब तेरे होठो से मैं नाराज सुनता हूँ😕
sad होता हूँअगर जो 
अंकित, अरजीत ,और इम्तियाज सुनता हूँ 😉
बन्द करके खुद की आंखे
तेरी कहि हर बात सुनता हूँ 
तन सिहर जाता हैं ।
जब तेरे रूठे अल्फाज सुनता हूँ ।।
नाराज सुनता हूँ 😐 #you#only#you #nojoto

Alekh Sharma(Aayu)

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Niranjan J Sharma

@bahubalisinghsangam@nojotovoice@nojotohindivoice Bina Babi Kajal Kapoor Kalika Jitendra Singh Lipika Jain Subita Maity. @nojotovoice

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वसन्त
धीरे धीरे उत्तर क्षितिज से
आ वसन्त रजनी

तारकमय नव वेणीबन्धन
शीश फुल कर शशि का नूतन
रश्मि वलय सित घन अवगुण्ठन

मुक्ताहल अभिराम बिछा दे 
चितवन से अपनी
पुलकती आ वसन्त रजनी

मर्मर की सुमधुर नूपुर ध्वनि
अलि गुंजित पद्मो की किंकिणी
भर पद गति में अलस तरंगिणि

तरल रजत की धार बहा दे
मृदु स्मित से सजनी
विहसती आ वसन्त रजनी

पुलिकत स्वप्नो की रेामावलि 
कर में ही स्मृतियों की अंजलि
मलयानिल का चल दुकुल अलि

चिर छाया सी श्याम विश्व को
आ अभिसार बनी
सकुचती आ वसन्त रजनी

सिहर सिहर उठता सरिता उर
खुल खुल पड़ते सुमन सुधा भर
मचल मचल आते पल फिर फिर

सुन प्रिय की पद चाप हो गयी
पुलकित यह अवनी
सिहरती आ वसन्त रजनी। #NojotoQuote @bahubalisinghsangam@nojotovoice@nojotohindivoice  Bina Babi Kajal Kapoor Kalika Jitendra Singh Lipika Jain Subita Maity.   @nojotovoice

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 38 - तुलसी-पूजन मैया तुलसी-पूजन कर रही है। गौर श्रीअंग, रंत्न-खचित नील कौशेेय वस्त्र कटि में कौशेय रज्जु से कसा है। चरणों में रत्ननूपुर हैं। कटि में रत्न जटित स्वर्णकाञ्ची है। करों में चूड़ियाँ हैं, कंकण हैं। रत्न जटित अंगूठियाँ हैं। भुजाओं में केयूर हैं। कंठ में सौभाग्य-सूत्र, मुक्तामाल, रत्नहार है और है नील कञ्चुकी रत्नखचित्त लाल कौशेय ओढनी। मोतियों से सज्जित माँग, मल्लिका-मालय-मंडित वेणी। आकर्ण-चुम्बित कज्जल-रञ्जित लोचन, कर्णों में रत्न-कुण्डल, भालपर सिन्दूर-बिन्दु, मैया ब्रजेश

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।।श्री हरिः।।
38 - तुलसी-पूजन

मैया तुलसी-पूजन कर रही है। गौर श्रीअंग, रंत्न-खचित नील कौशेेय वस्त्र कटि में कौशेय रज्जु से कसा है। चरणों में रत्ननूपुर हैं। कटि में रत्न जटित स्वर्णकाञ्ची है। करों में चूड़ियाँ हैं, कंकण हैं। रत्न जटित अंगूठियाँ हैं। भुजाओं में केयूर हैं। कंठ में सौभाग्य-सूत्र, मुक्तामाल, रत्नहार है और है नील कञ्चुकी रत्नखचित्त लाल कौशेय ओढनी। मोतियों से सज्जित माँग, मल्लिका-मालय-मंडित वेणी। आकर्ण-चुम्बित कज्जल-रञ्जित लोचन, कर्णों में रत्न-कुण्डल, भालपर सिन्दूर-बिन्दु, मैया ब्रजेश

Abhishek Singh

rishtenojotohindipoetrykavishala

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कुछ रिश्तों की कसक, सिसक नयनों से बरसे,
कुछ रिश्तों की चहक, बहेक अधरों में तरसे।
कुछ रिश्तों से मनवा सिहर-सिहर घबराये,
कुछ रिश्तों को सोंच, शरीर सहम सा जाये। #rishte#nojoto#hindi#poetry#kavishala

Dhirendra Rajpurohit

#Nojoto

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सबाब अब क्या ही जानोगे जिंदगी के सितम के..
सिहर - सिहर के रोज बैठना क्या तुम्हें अच्छा लगेगा??
~धीर #nojoto

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