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कुछ रिश्तों की कसक, सिसक नयनों से बरसे, कुछ रिश्तो

कुछ रिश्तों की कसक, सिसक नयनों से बरसे,
कुछ रिश्तों की चहक, बहेक अधरों में तरसे।
कुछ रिश्तों से मनवा सिहर-सिहर घबराये,
कुछ रिश्तों को सोंच, शरीर सहम सा जाये। #rishte#nojoto#hindi#poetry#kavishala
कुछ रिश्तों की कसक, सिसक नयनों से बरसे,
कुछ रिश्तों की चहक, बहेक अधरों में तरसे।
कुछ रिश्तों से मनवा सिहर-सिहर घबराये,
कुछ रिश्तों को सोंच, शरीर सहम सा जाये। #rishte#nojoto#hindi#poetry#kavishala