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Mukesh Poonia
मस्तक उनका भी झुकेगा अहंकार उनका भी टूटेगा तू बस शांत रहकर बढ़ता चल मंजिल की ओर आज तू तो जमाने के आगे झुका है कल तेरे आगे पूरा आसमान झुकेगा . ©Mukesh Poonia #snowpark #मस्तक उनका भी झुकेगा #अहंकार उनका भी टूटेगा तू बस #शांत रहकर बढ़ता चल #मंजिल की ओर आज तू तो #जमाने के आगे झुका है कल तेरे आगे पूरा #आसमान झुकेगा
Poonam Ritu Sen
नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही फिरंगी महिला हुई छींटाकशी का शिकार सुन कर, उसी रात शर्म और क्रोध पदाघात कर गए मेरे मस्तक पर.. नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही फिरंगी महिला हुई छींटाकशी का शिकार सुन कर, उसी रात शर्म और क्रोध पदाघात कर गए मेरे मस्तक पर.. #YQbaba #YQdidi #orange #नारंगी #फिरंगी #महिला #रामायण #गर्व #सभ्यता #संस्कृति #छींटाकशी #शिकार #सुबह #रात #शर्म #क्रोध #पदाघात #मस्तक
नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही फिरंगी महिला हुई छींटाकशी का शिकार सुन कर, उसी रात शर्म और क्रोध पदाघात कर गए मेरे मस्तक पर.. #yqbaba #yqdidi #orange #नारंगी #फिरंगी #महिला #रामायण #गर्व #सभ्यता #संस्कृति #छींटाकशी #शिकार #सुबह #रात #शर्म #क्रोध #पदाघात #मस्तक
read moreKavi VijAy KatiyA
आओ सब मिलकर स्वतंत्रता दिवस मनाये 💗🇮🇳💗 वीरो कि शहादत पर नत मस्तक शीश झुकाये ❤❤❤ इस धरती से, उस अम्बर तक राष्ट् ध्वज, विजय ध्वज फहराये 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 Jay Hind ©Kavi VijAy KatiyA आओ सब मिलकर #स्वतंत्रता दिवस मनाये 💗🇮🇳💗 वीरो कि #शहादत पर नत #मस्तक #शीश झुकाये ❤❤❤ इस धरती से, उस अम्बर तक राष्ट् #ध्वज, #विजय ध्वज
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 4 – कर्म 'कुछ कर्मों के करने से पुण्य होता है, और कुछ के न करने से। कुछ कर्मों के करने से पाप होता है और कुछ के न करने से।' धर्मराज अपने अनुचरों को समझा रहे थे। 'कर्म संस्कार का रूप धारण करके फलोत्पादन करते हैं। संस्कार होता है आसक्ति से और आसक्ति क्रिया एवं क्रियात्याग, दोनों में होती है। यदि आसक्ति न हो तो संस्कार न बनेंगे। अनासक्त भाव से किया हुआ कर्म या कर्मत्याग, न पुण्य का कारण होता है और न पाप का।' बड़ी विकट समस्या थी। कर्म के निर्ण
read moreJitendra Mishra
माँ मुझको नहीं है सोना, पापा कब तक आएंगे उन्होंने फ़ोन पे कहा था, वो टाफी बिस्कुट लाएंगे नई फ्राक मैं पहनूँगी , जब पापा घर पर आएंगे कंधे पे बैठ के शोर करुँगी, जब पापा घर पे आएंगे मैं पापा की उँगली पकड़ के,स्कूल दौड़ के जाऊंगी पापा ने जो गाना सिखाया, वो स्कूल में जोर से गाऊंगी मेरे पापा बड़े बहादुर , देश की सेवा करते हैं वो तो सच्चे फ़ौजी हैं , देश प्रेम पे मरते हैं बेटी की ये बातें सुनकर, माँ का कलेजा फट गया कैसे बताऊँ इसको,उसका पिता देशप्रेम की बलि चढ़ गया दुश्मन की एक गोली आकर , उनके सीने में धँस गई चूड़ियां सुहाग की टूट गईं, बेटी बिन बाप की हो गई उनके जिगर का टुकड़ा थी ये, बिट्टो बिट्टो कहते थे जब भी मिलने आते थे,तो आँसू अनवरत बहते थे सीने से लगाकर कहते थे, की इसकी शादी राजकुमार से होगी कोई कसर ना बाकी रहेगी, आखिर मैं हूँ देश का सच्चा फ़ौजी कहते थे की इसको मैं , हर क्षमता तक पढ़ाऊंगा ख़ून दे दूंगा सारा देश को, लेकिन इसको आगे बढ़ाऊंगा सो गए ये आज गहरी नींद में, हमको सदा जगाने को अबकी करवाचौथ पे कौन आएगा,मुझे पानी ग्लास पिलाने को हाय मस्तक सूना हो गया मेरा,लेकिन देश का मस्तक न झुकने दिया हमारी दुनियाँ काली हो गई , बुझ गया हर उम्मीद का दिया तिरंगे में लिपटे ये , चन्दन चिता पे लेटे हैं हर आँख रो रही बिना रुके,ये भारत माँ के बेटे है बेटी मेरी निहार रही , ये पापा यहाँ क्यों सो रहे लकड़ी चुभ जायेगी पीठ में , पापा से कहो घर चलें कैसे समझाऊं इस गुड़िया को, ये पुण्य चिता है पापा की ये बेचारी क्या जाने , ये तो जिगर की टुकड़ा है पापा की कैसे समझाऊं ये अंतिम क्षण हैं, आज माँग सूनी होगी अपने पिता की पुण्य चिता को, मुखाग्नि तुझे ही देनी होगी अपने पिता की पुण्य चिता को,मुखाग्नि तुझे ही देनी होगी।। #RDV19 #पिताकीचिता #मुखाग्नितुझेहीदेनीहोगी #RDV19 #rendezvous #hindisamiti #kavisanghosti #IITDelhi #Nozoto #culturalevent #October4 #wishingtobethere
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 13 - हृदय परिवर्तन 'मैडम! यह मेरा उपहार है - एक हिंसक डाकू का उपहार!' मैडम ने आगन्तुक के हाथ से पत्र लेकर पढा। 'मैं कृतज्ञ होऊंगा, यदि इसे आप स्वीकार कर लेंगी।' चर दोनों हाथों में एक अत्यन्त कोमल, भारी बहुमूल्य कम्बल लिये, हाथ आगे फैलाये, मस्तक झुकाये खड़ा था। 'मैं इसे स्वीकार करूंगी।' एक क्षण रुककर मैडम ने स्वतः कहा। उनका प्राइवेट सेक्रेटरी पास ही खड़ा था और मैडम ने उसकी ओर पत्र बढ़ा दिया था। 'तुम अपने स्वामी से कहना, मैंने उनका उपहार स्
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 11 - महत्संग की साधना 'मेरी साधना विफल हुई।' गुर्जर राजकुमार ने एक लम्बी श्वास ली। वे अपने विश्राम-कक्ष में एक चन्दन की चौकी पर धवल डाले विराजमान थे। ग्रन्थ-पाठ समाप्त हो गया था और जप भी पूर्ण कर लिया था उन्होंने। ध्यान की चेष्टा व्यर्थ रही और वे पूजा के स्थान से उठ आये। राजकुमार ने स्वर्णाभरण तो बहुत दिन हुए छोड़ रखे हैं। शयनगृह से हस्ति-दन्त के पलंग एवं कोमल आस्तरण भी दूर हो चुके हैं। उनकी भ्रमरकृष्ण घुंघराली अलकें सुगन्धित तेल का सिञ्च
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 10 – अनुगमन 'ठहरो!' जैसे किसी ने बलात् पीछे से खींच लिया हो। सचमुच दो पग पीछे हट गया अपने आप। मुख फेरकर पीछे देखना चाहा उसने इस प्रकार पुकारने वाले को, जिसकी वाणी में उसके समान कृतनिश्चयी को भी पीछे खींच लेने की शक्ति थी। थोड़ी दूर शिखर की ओर उस टेढ़े-मेढ़े घुमावदार पथ से चढ़कर आते उसने एक पुरुष को देख लिया। मुण्डित मस्तक पर तनिक-तनिक उग गये पके बालों ने चूना पोत दिया था। यही दशा नासिका और उसके समीप के कपाल के कुछ भागों कों छोड़कर शेष मु
read moreAarti Akshay Goswami
#OpenPoetry " भारत भूमि " हे भारत की पावन भूमि मुझे तुझसे प्रेम अपार , ऐसा लगता मानो प्रकृति ने किया हो सोलह श्रृंगार , मस्तक पर हिमगिरि शोभित मुकुट समान चमकता है , चरणों को रत्नाकर धोकर पायल समान दमकता है , खाड़ी और अरब सागर जैसे कंगन हाथों में खनकते हैं , गंगा जमुना रेवा क्षिप्रा जैसी नदियाँ केशों से लहकते हैं , काश्मीर की घाटी मस्तक पर बिंदिया जैसी लगती है , अपनी भारत माता सोने की चिड़िया जैसी लगती है ।। ©®आरती अक्षय गोस्वामी #OpenPoetry #भारत_भूमि #आरती_अक्षय_गोस्वामी
#OpenPoetry #भारत_भूमि #आरती_अक्षय_गोस्वामी
read more@alfaaz_a_sargam_2000
#2YearsOfNojoto 🙏🌺शुप्रभात नमन शाम-ए-अवध🌺🙏 🌹💐सादर समीक्षार्थ 💐🌹 @SARGAM बहना की राखी होगी भैया की होगी कलाई सावन के महीने में ये शुभ घड़ी है आई मोहे मन सावन का महीना चले मन्द मन्द पुरवाई राखी है वो धागा नही यह रक्षा शूत्र कहलाई राखी बाँध रही बहना है भाई की कलाई बहना की राखी होगी भैया की होगी कलाई सावन के महीने में ये शुभ घड़ी है आई बाँधे राखी जब बहना भाई ने वचन दे डाला बहना ने खुशी से झूम आशीर्वाद दे डाला बहना का आशीर्वाद हो रक्षा भाई की जिम्मेवारी बहना की राखी होगी भैया की होगी कलाई सावन के महीने में ये शुभ घड़ी है आई बहना ने सर हाँथ रखा झट मस्तक तिलक लगाया भाई ने भी बहना के रख पाँव पे मस्तक तुरंत पखारा खिलाया मिठाई बहना ने भइया ने मिठाई खाया भाई ने भी बहना को अपने हाँथों से मिठाई खिलाया बहना की राखी होगी भैया की होगी कलाई सावन के महीने में ये शुभ घड़ी है आई .......@SARGAM_SUBHASH_CHANDRA_BAGHEL Madhu Kaur Haimi Kumari Kaushal Kumar Monika Anil Kumar Mishra 🙏🌺शुप्रभात नमन शाम-ए-अवध🌺🙏 🌹💐सादर समीक्षार्थ 💐🌹 @SARGAM बहना की राखी होगी भैया की होगी कलाई सावन के महीने में ये शुभ घड़ी है आई मोहे मन सावन का महीना चले मन्द मन्द पुरवाई राखी है वो धागा नही यह रक्षा शूत्र कहलाई
Madhu Kaur Haimi Kumari Kaushal Kumar Monika Anil Kumar Mishra 🙏🌺शुप्रभात नमन शाम-ए-अवध🌺🙏 🌹💐सादर समीक्षार्थ 💐🌹 @SARGAM बहना की राखी होगी भैया की होगी कलाई सावन के महीने में ये शुभ घड़ी है आई मोहे मन सावन का महीना चले मन्द मन्द पुरवाई राखी है वो धागा नही यह रक्षा शूत्र कहलाई
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