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विष्णुप्रिया
दैहिक वृत्तियों में फँसा जीव, वैसा ही है, जैसे, हरियाली देख जलकुंम्भी में फँसा मृग, दोनों ही मुक्त होना चाहते है, पर बंधन काटने में असमर्थ । #yqdidi #हिंदीqoutes #आद्यातमिक #spiritualityquotes #वृत्ति #विष्णुप्रिया #मुक्ति
विष्णुप्रिया
एक समय के बाद, जब मन रुपी बादल सुख दुःख के भावों से, बोझिल हो शिथिल पड़ जाते है, तो... अथाह वेदना से, झंकारित अनेको दामनियाँ, त्वरित ही आहत कर तोड़ देती है उन्हें, बहा देने को समस्त विषाद, और फिर वर्षा के बाद, स्फूरित होता है एक नया दिन, जहाँ सूर्य की रक्तवर्णी रश्मियाँ, बिखेर देती है, अपनी अद्भुत आभा, संपूर्ण सृष्टि में, तब ही....हाँ तब ही, अंकुरित होते है, परम सत्व की नविनतम कोपलें अनंत मेल की संभावनाओं के साथ, एक नए आयाम में... #yqdidi #yqbaba #spirituality #हिंदी_कविता #जीवन_का_सत्य #आत्ममंथन #आद्यातमिक #विष्णुप्रिया एक समय के बाद, जब मन रुपी बादल सुख दुःख के भावों से, बोझिल हो शिथिल पड़ जाते है, तो...
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यह सभ्य समाज, बाँध देता है, जीव को, कुछ जंग लगी जंजीरों से, खिंच दी जाती है एक अमिट रेखा... हृदय की तलहटी में, देह भेद की, जो छीन लेती है, एक्य उस परम् तेज से... और समेट देती है, जीव को दृश्यहीन वृत्त में... कभी देखना इनसे परे जाकर, वहाँ बसेरा है, अनंत संभावनाओ का, अर्धनारीश्वर के रूप में, जहाँ एक्य होता है, जीवन का जीव से... जहाँ लीन होता है " मैं " परम् तेज उस ब्रह्म में..... यह सभ्य समाज, बाँध देता है, जीव को, कुछ जंग लगी जंजीरों से, खिंच दी जाती है एक अमिट रेखा... हृदय की तलहटी में, देह भेद की, जो छीन लेती है,
यह सभ्य समाज, बाँध देता है, जीव को, कुछ जंग लगी जंजीरों से, खिंच दी जाती है एक अमिट रेखा... हृदय की तलहटी में, देह भेद की, जो छीन लेती है,
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रंगों से परितृप्त इस धरा में, हर रंग का निरूपण है, हृदय आविर्भूत है समस्त रागों से, हर्ष विषाद, भय क्रोध पीड़ा मोह और अंततः वैराग्य... पर तुम,.... श्वेत..... राग रंग के शिरोमणी... प्रत्याक्षी मेरे अनंत प्रेम के साक्षी मेरी हर तपस्या के.... मौन से उठते, और उसमे ही विलीन होते, मेरे अवचेतन के... हाँ तुम ही श्वेत... मेरे साथी भी और सारथी भी... #yqdidi #yqbaba #स्वेत #हिंदी_कविता #आद्यातमिक #spiritual #विष्णुप्रिया #जीवनरंग
विष्णुप्रिया
जब मेरे चित्त पर अंकित हुआ, मानो अनंत ब्रह्माण्ड का, वास, हिय में स्पंदित हुआ... सुप्रभात। सुनिए, संगीत जीवन का। #संगीत #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#विष्णुप्रिया #spirituality #आद्यातमिक #हिंदी_कविता #जीवन_का_सत्य
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कि, कितने भी यंत्र बना लो, ब्रह्मांड के घटकों को नापने के लिए, पर अंत में भीतर की पुकार से, जीव अपना परिचय उस निराकार में ही पाएगा....🔔 इतना तो है हमारे पास अपनी नज़र तो है। #इतनातोहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #हिंदी_कोट्स_शायरी #विष्णुप्रिया #आद्यातमिक #spirituality
इतना तो है हमारे पास अपनी नज़र तो है। #इतनातोहै #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #हिंदी_कोट्स_शायरी #विष्णुप्रिया #आद्यातमिक #Spirituality
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कुछ क्षण को, जा बैठी, नील गगन के आंचल में, पूर्णता में लीन किया, उस अविचल तारापथ ने...... उदेशविहीन विचारो ने, हिय पर, जो विषाद किया.... अतं में ज्ञान की ज्योति ने ही, भावो पर जय घोष किया... हर तृण निर्जीव सा लगता था निष्प्राण रूप था तेज बिना, यह मन भटका था वर्षो, जब प्राणविहीन था ज्ञान बिना.. कैसा यह मानव जीवन है, लोभ मोह में उलझा सा, ब्रह्म मिथ्या, जगत सत्य का, रसपान सदा से ही करता... क्या भौतिकता की सृष्टि से खोज स्वयं की पूरी होगी...? या अंतर्मन की गति से ही, क्या जीवन की तृप्ति होगी....? है विचारणीय प्रश्न मगर, क्या उत्तरित कभी हो पाएगा, या आत्मबोध का चिंतन बस....चिंतन भर ही रह जायेगा आत्मबोध, कुछ क्षण को, जा बैठी, नील गगन के आंचल में, पूर्णता में लीन किया, उस अविचल तारापथ ने......
आत्मबोध, कुछ क्षण को, जा बैठी, नील गगन के आंचल में, पूर्णता में लीन किया, उस अविचल तारापथ ने......
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था द्वार जब तक, जीवन की कंदराओं का, घोर तिमिर में, भटका था मन बिन पतवार की नौकाओं सा... फिर स्वासों की निरंतरता ने स्व में जा समाधिस्थ किया हृदय वाहिनी से छन कर तब आलोक बोध, का प्रगट हुआ । तलाश तो बहुत किया मगर मिला नहीं हमें। #मिलानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #हिंदी_कविता #आद्यातमिक #विष्णुप्रिया #आत्मबोध
तलाश तो बहुत किया मगर मिला नहीं हमें। #मिलानहीं #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #हिंदी_कविता #आद्यातमिक #विष्णुप्रिया #आत्मबोध
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पाओगे कि, जीव और ईश्वर का सम्बन्ध ना कहीं से आता है, ना कही जाता है, यह सम्बन्ध अपरिवर्तनीय है, जबकी अन्य संसारिक सम्बन्ध बदलते रहते है.... जैसे ही जीव पूर्ण और अपूर्ण रचित और रचयिता का यह सम्बन्ध जान लेता है, वह अस्थाई से स्थायी की ओर अग्रसर हो जाता है..!!!💐 सुप्रभात। ग़ौर करो तो प्रकृति की हर वस्तु में जीवन का साक्षात्कार हो सकता है। #ग़ौरकरो #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #आत्ममंथन #हिंदीqoutes #सुविचार #आद्यातमिक #विष्णुप्रिया
सुप्रभात। ग़ौर करो तो प्रकृति की हर वस्तु में जीवन का साक्षात्कार हो सकता है। #ग़ौरकरो #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #आत्ममंथन #हिंदीqoutes #सुविचार #आद्यातमिक #विष्णुप्रिया
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