एक समय के बाद, जब मन रुपी बादल सुख दुःख के भावों से, बोझिल हो शिथिल पड़ जाते है, तो... अथाह वेदना से, झंकारित अनेको दामनियाँ, त्वरित ही आहत कर तोड़ देती है उन्हें, बहा देने को समस्त विषाद, और फिर वर्षा के बाद, स्फूरित होता है एक नया दिन, जहाँ सूर्य की रक्तवर्णी रश्मियाँ, बिखेर देती है, अपनी अद्भुत आभा, संपूर्ण सृष्टि में, तब ही....हाँ तब ही, अंकुरित होते है, परम सत्व की नविनतम कोपलें अनंत मेल की संभावनाओं के साथ, एक नए आयाम में... #yqdidi #yqbaba #spirituality #हिंदी_कविता #जीवन_का_सत्य #आत्ममंथन #आद्यातमिक #विष्णुप्रिया एक समय के बाद, जब मन रुपी बादल सुख दुःख के भावों से, बोझिल हो शिथिल पड़ जाते है, तो...