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Krish Vj
सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम ज़िन्दगी के सब किस्से कहानी तेरे नाम फ़िर वो मंज़र, आया लबों पर तेरा नाम सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम अधरों से अधर टकराये, होश है गंवाया नयनों ने लाज छोड़ी, हो गए प्रेममय वो पलकों ने कैद किया 'महबूब' को यूँ कि सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम तन से तन मिला और रूह पाक हो गई मन की सरिता आज 'सागर' की हो गई मैं, तुम का गुज़रा ज़माना यूँ हम हो गई सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम शयन किया प्रियतमा संग 'प्रेम' गाँव में सुकून के शुरू ज़माने यूँ दीवाने हो गए खोए इस कदर, भूल गए सब अफ़साने सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम कवि सम्मेलन भाग-2 पंचम रचना:_ यादों की शाम.... #kkकविसम्मेलन #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkकविसम्मेलन2 #kk_krishna_prem #collabwithकोराकाग़ज़ #yaadein
कवि सम्मेलन भाग-2 पंचम रचना:_ यादों की शाम.... #KKकविसम्मेलन #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #KKकविसम्मेलन2 #kk_krishna_prem #collabwithकोराकाग़ज़ #yaadein
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वह गिराता रहा, मैं बनाता रहा इस कदर वह मुझे सताता रहा खासियत उसकी यह भा गई मुझे सिद्दत से दुश्मनी को निभाता रहा 'नाम-ए-मंज़िल' से बेख़बर था मैं वो मंज़िल का पता यूँ बताता रहा मैं गिरता, संभलता, फ़िर गिरता हँसकर जोश मुझ में जगाता रहा आगे आगे 'नफ़रत' की मशाल ले मंज़िल की राह रौशन करता रहा कवि सम्मेलन भाग-2 चतुर्थ रचना: दोस्त या दुश्मन? #kkकविसम्मेलन #कोराकाग़ज़ #kk_krishna_prem #kkकविसम्मेलन2 #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
कवि सम्मेलन भाग-2 चतुर्थ रचना: दोस्त या दुश्मन? #KKकविसम्मेलन #कोराकाग़ज़ #kk_krishna_prem #KKकविसम्मेलन2 #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
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कुछ पाया है, तो कुछ और पाने की प्यास है आस है, प्यास है, ज़िन्दगी एक 'एहसास' है ख़्वाब है, ख़्याल है, करती ये बहुत बवाल है आशा है निराशा है, ज़िन्दगी एक 'विश्वास' है पतंग सी उड़ती रहती हवाओं में, बेख़बर है थक जाती वक़्त से ये चलता हुआ 'श्वास' है रंग अनेक इसके, प्रेम व नफ़रत की आग है साधारण-असाधारण,दिखती ना 'खास' है अधूरी है या पूरी है कहानी यह प्यारी सी है अँधेरों में भटकती, सूरज का ये 'प्रकाश' है कवि सम्मेलन भाग-2 तृतीय रचना:_ ज़िन्दगी .#kkकविसम्मेलन #kk_krishna_prem #kkकविसम्मेलन2 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #जिंदगी #life
कवि सम्मेलन भाग-2 तृतीय रचना:_ ज़िन्दगी .#KKकविसम्मेलन #kk_krishna_prem #KKकविसम्मेलन2 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #जिंदगी life
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'एहसास' को यह हवा दे जाती है आग सीने में, यह जला जाती है यादों का 'हिसाब' बड़ा ही अज़ीब रुलाकर के य़ह हँसा जाती है कुछ अच्छी यादें, सुकून दे जाती आती है लबों पे मुस्कान दे जाती कुछ यादें दर्द का सैलाब ले आती भीगी पलकें ज़िंदगी डूब है जाती यादों को अच्छा कहूँ या बुरा कहूँ दर्द की धूप और सुकून की छाँव उदासी पल की, खुशी लम्हे की क्या कहूँ याद सौगात ज़िंदगी की कवि सम्मेलन भाग 2 द्वितीय रचना:_ याद सुकून या दर्द #collabwithकोराकाग़ज़ #kkकविसम्मेलन #kkकविसम्मेलन2 #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #यादें #kk_krishna_prem
कवि सम्मेलन भाग 2 द्वितीय रचना:_ याद सुकून या दर्द #collabwithकोराकाग़ज़ #KKकविसम्मेलन #KKकविसम्मेलन2 #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #यादें #kk_krishna_prem
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सूरज डूबा है, रात अभी बाकी हैं ए ज़िन्दगी ! तेरा हिसाब बाकी है गुज़रे लम्हे लौट कर आए ना कभी दिल में उनकी 'याद' अभी बाकी है आहिस्ता-आहिस्ता गूजर रात यूँ गुफ़्तगू तो कर, बात अभी बाकी है सुन अफ़साना मेरी मोहब्बत का तू कि अभी एहसास 'दर्द' का बाकी है क़ायनात से मिली एक सौगात है ये वक़्त बर्बाद ना कर कहानी बाकी है गोर फरमा मेरे हर इशारों पर 'प्रेम' कि अभी यूँ इश्क़ का जाम बाकी है कवि सम्मेलन-भाग 2 रचना:_ प्रथम "रात अभी बाकी है" #collabwithकोराकाग़ज़ #kkकविसम्मेलन #kkकविसम्मेलन2 #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kk_krishna_prem
कवि सम्मेलन-भाग 2 रचना:_ प्रथम "रात अभी बाकी है" #collabwithकोराकाग़ज़ #KKकविसम्मेलन #KKकविसम्मेलन2 #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kk_krishna_prem
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बढ़ते रहो आगे अंधेरा चाहे हो जितना भी गहन रोशनी वो छुपा सकता नहीं वो तो एक सूचक, उसमें ही रोशनी छुपी है कहीं। डरो मत जिंदगी की कालिमा से तुम्हारी खुद की रोशनी के आगे, ये घनघोर अंधेरा कुछ भी नहीं। क्या हुआ गर मायूसियों ने, अभी तुमको है घेरा हुआ खुशियों का सूरज भी मिलेगा तुम्हे, अपने अंदर ही यहीं। वही तुम्हारे जीवन के, हर गलत पहलू को कर देगा सही। खुद में जगाए रखो हिम्मत बढ़ते रहो आगे निरंतर, बस डर के अंधेरों में तुम खोना नहीं। #suyalpoonam #kkकविसम्मेलन #kkकविसम्मेलन2 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #yqdidi
Poonam Suyal
अगर सुकून दुकानों में बिकता (अनुशीर्षक में पढ़ें) अगर सुकून दुकानों में बिकता मिल जाता है सब कुछ दुकानों में सिर्फ़ सुकून ही है जो नहीं मिलता कर ले चाहे कोई कितने भी जतन दिल सुकून के दो पलों के लिए तरसता करते हैं हम गलती
अगर सुकून दुकानों में बिकता मिल जाता है सब कुछ दुकानों में सिर्फ़ सुकून ही है जो नहीं मिलता कर ले चाहे कोई कितने भी जतन दिल सुकून के दो पलों के लिए तरसता करते हैं हम गलती
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इत्तेफ़ाक (अनुशीर्षक में पढ़ें) इत्तेफ़ाक ये इत्तेफ़ाक ही तो था जो तुम हमसे मिले जब अपने ग़मों से हमारे लब थे सिले तुमसे हम टकराए
इत्तेफ़ाक ये इत्तेफ़ाक ही तो था जो तुम हमसे मिले जब अपने ग़मों से हमारे लब थे सिले तुमसे हम टकराए
read morePoonam Suyal
सफ़र ज़िंदगी का (अनुशीर्षक में पढ़ें) सफ़र ज़िंदगी का सफ़र ज़िंदगी का कुछ सुलझा कुछ अनसुलझा तय करना ही है इसे इसे हमने गहराई से है समझा जो भी मुश्किल आई रास्ते में
सफ़र ज़िंदगी का सफ़र ज़िंदगी का कुछ सुलझा कुछ अनसुलझा तय करना ही है इसे इसे हमने गहराई से है समझा जो भी मुश्किल आई रास्ते में
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दिल की कश्मकश (अनुशीर्षक में पढ़ें) दिल की कश्मकश दिल है पसोपेश में रहता सदा जो प्यार हुआ क्या है वो सच या है कोई भ्रम दिल की कश्मकश को कैसे हम समझाएँ अपना हाल किसे हम बताएँ
दिल की कश्मकश दिल है पसोपेश में रहता सदा जो प्यार हुआ क्या है वो सच या है कोई भ्रम दिल की कश्मकश को कैसे हम समझाएँ अपना हाल किसे हम बताएँ
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