सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम ज़िन्दगी के सब किस्से कहानी तेरे नाम फ़िर वो मंज़र, आया लबों पर तेरा नाम सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम अधरों से अधर टकराये, होश है गंवाया नयनों ने लाज छोड़ी, हो गए प्रेममय वो पलकों ने कैद किया 'महबूब' को यूँ कि सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम तन से तन मिला और रूह पाक हो गई मन की सरिता आज 'सागर' की हो गई मैं, तुम का गुज़रा ज़माना यूँ हम हो गई सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम शयन किया प्रियतमा संग 'प्रेम' गाँव में सुकून के शुरू ज़माने यूँ दीवाने हो गए खोए इस कदर, भूल गए सब अफ़साने सूरज गया, आ गई फ़िर यादों की शाम कवि सम्मेलन भाग-2 पंचम रचना:_ यादों की शाम.... #kkकविसम्मेलन #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkकविसम्मेलन2 #kk_krishna_prem #collabwithकोराकाग़ज़ #yaadein