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Mizaj Allahabadi
लोग सर्दियों मे अँगीठी जलाये बैठे है और भरी उम्र में हम दिल जलाये बैठे है ये जनवरी की सर्दी खा ही जाती हमको पर बर्फ पर हम घर बनाये बैठे है मंजिलों की तलाश में हमने तय किये इतने सफ़र की रहनुमाओ को भी रास्ते बताये बैठे है फ़कत एक तुम्हीं को मान बैठे दुनिया वगरना कितने दहर इस दिल में बनाये बैठे है तस्कीन की अना इतनी मर चुकी है की चोर भी खुद को ईमानदार बताये बैठे है अब छोड़ भी दो चरागों में नक़्श बनाना ' मिज़ाज ' रंग अपनी आबरू बचाये बैठे है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ ©Mizaj Allahabadi #smog #MizajAllahabadi #Gazal #Winter
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बंदगी हमने छोड़ दी फ़राज़ क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ ~ अहमद फ़राज़ 🖊️ ©Mizaj Allahabadi #ahamadfaraz #MizajAllahabadi #Nazm
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हम को अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तिरा कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रक्खे ~ अहमद फ़राज़ 🖊️ ©Mizaj Allahabadi हम को अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तिरा कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रक्खे ~ अहमद फ़राज़ 🖊️ • • #AhamdFaraz
हम को अच्छा नहीं लगता कोई हमनाम तिरा कोई तुझ सा हो तो फिर नाम भी तुझ सा रक्खे ~ अहमद फ़राज़ 🖊️ • • #AhamdFaraz
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तुम बंजर हो जाओगे यदि इतने व्यवस्थित ढंग से रहोगे यदि इतने सोच समझकर बोलोगे चलोगे कभी मन की नहीं कहोगे सच को दबाकर झूठे प्रेम के गाने गाओगे तो मैं तुमसे कहता हूँ तुम बंजर हो जाओगे। ~ भवानी प्रसाद मिश्र 🖊️ ©Mizaj Allahabadi तुम बंजर हो जाओगे यदि इतने व्यवस्थित ढंग से रहोगे यदि इतने सोच समझकर बोलोगे चलोगे कभी मन की नहीं कहोगे सच को दबाकर झूठे प्रेम के गाने गाओगे तो मैं तुमसे कहता हूँ तुम बंजर हो जाओगे।
तुम बंजर हो जाओगे यदि इतने व्यवस्थित ढंग से रहोगे यदि इतने सोच समझकर बोलोगे चलोगे कभी मन की नहीं कहोगे सच को दबाकर झूठे प्रेम के गाने गाओगे तो मैं तुमसे कहता हूँ तुम बंजर हो जाओगे।
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तेरे हुरूफ़ का तकाज़ा मै क्या करु तू बोलता है तो सब ठहर जाता है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ ©Mizaj Allahabadi तेरे हुरूफ़ का तकाज़ा मै क्या करु तू बोलता है तो सब ठहर जाता है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ • • #MizajAllahabadi #nazm #gazal
तेरे हुरूफ़ का तकाज़ा मै क्या करु तू बोलता है तो सब ठहर जाता है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ • • #MizajAllahabadi #nazm #gazal
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जाने किस सफ़र के साथी किस सफ़र में चल दिये ना कोई आसरा था फ़िर भी हम निकल दिये! जिसने हमको ठुकराया हर एक मंज़र पर उसी को हम अपना आज और कल दिये !! ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ ©Mizaj Allahabadi जाने किस सफ़र के साथी किस सफ़र में चल दिये ना कोई आसरा था फ़िर भी हम निकल दिये! जिसने हमको ठुकराया हर एक मंज़र पर उसी को हम अपना आज और कल दिये !! ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️
जाने किस सफ़र के साथी किस सफ़र में चल दिये ना कोई आसरा था फ़िर भी हम निकल दिये! जिसने हमको ठुकराया हर एक मंज़र पर उसी को हम अपना आज और कल दिये !! ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️
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जरुरी नहीं की इश्क़ हमेशा किसी सख़्स से हो शहर से भी हो जाता है अगर वो इलाहाबाद जैसा हो ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ ©Mizaj Allahabadi जरुरी नहीं की इश्क़ हमेशा किसी सख़्स से हो शहर से भी हो जाता है अगर वो इलाहाबाद जैसा हो ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ • •
जरुरी नहीं की इश्क़ हमेशा किसी सख़्स से हो शहर से भी हो जाता है अगर वो इलाहाबाद जैसा हो ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ • •
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समुन्दर की लहरों से बात हो गई है बहना छोड़ दे अब रात हो गई है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ ©Mizaj Allahabadi समुन्दर की लहरों से बात हो गई है बहना छोड़ दे अब रात हो गई है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ • • • #MizajAllahabadi
समुन्दर की लहरों से बात हो गई है बहना छोड़ दे अब रात हो गई है ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ • • • #MizajAllahabadi
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मेरी आंखें खोजती रहती है तुझे तू मेरे सामने होकर भी दिखती नहीं है वैसे तो खोज लू लाखों की भीड़ में तुझे पर तू जाना भीड़ में कभी रहती नहीं है! मुद्दतों बाद फ़िर से हुआ है इश्क़ मुझे वरना मेरी ज़ुबा शायरों जैसी बातें करती नहीं है मैं परीक्षा की घड़ी में लिख रहा हूं तुझपे गज़ले और तू है की फुर्सत में भी याद करती नहीं है ! ~ मिज़ाज इलाहाबादी ✍️ ©Mizaj Allahabadi मेरी आंखें खोजती रहती है तुझे तू मेरे सामने होकर भी दिखती नहीं है वैसे तो खोज लू लाखों की भीड़ में तुझे पर तू जाना भीड़ में कभी रहती नहीं है ! मुद्दतों बाद फ़िर से हुआ है इश्क़ मुझे वरना मेरी ज़ुबा शायरों जैसी बातें करती नहीं है
मेरी आंखें खोजती रहती है तुझे तू मेरे सामने होकर भी दिखती नहीं है वैसे तो खोज लू लाखों की भीड़ में तुझे पर तू जाना भीड़ में कभी रहती नहीं है ! मुद्दतों बाद फ़िर से हुआ है इश्क़ मुझे वरना मेरी ज़ुबा शायरों जैसी बातें करती नहीं है
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हिन्दी को वो क्या समझेंगे, जिनके लिए हिन्दी सिर्फ एक भाषा है ! उनसे पूछो, जिनकी हिंदी माता है !! ~ मिज़ाज इलाहाबादी ©Mizaj Allahabadi #MizajAllahabadi #Hindi #hindi_poem #Dark Janmejay Sahani Eisha mahi 𝖟𝖆𝖎𝖉 𝖐𝖍𝖆𝖓 Ritika Singh ब्रांड इलाहाबाद
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