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Ek villain

#नीतियों में बदलाव जरूरी #VantinesDay

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आर्थिक चुनौती का सामना शीर्षक से लेख अपने आलेख में संजय गुप्ता ने बिल्कुल ठीक लिखा है कि देश के पेट्रोलियम पदार्थ की मूल्य वृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम तथा रूस यूक्रेन का युद्ध जिम्मेदार है किंतु भारत में विपक्ष केंद्र सरकार को कोसने में लगा हुआ है उल्लेखनीय है कि महंगाई विरोधी प्रदर्शन केयर करने वाले राहुल गांधी की कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल डीजल के दाम शासित राज्यों से कहीं अधिक है फिर भी मोदी सरकार पर लगा रहे हैं सभी चुनौतियों के होते हुए भी यह जनता के मन में यह प्रश्न उठता है कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के विपरीत होते हुए भी पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोलियम पदार्थ के मूल्य नियंत्रण व्यवस्था को सुधारने के लिए आयात पर निर्भरता घटेगी और चीन से आयात की जाने वाली वस्तुओं को देखा जाए तो वस्तुएं आती है भारत में निर्मित वस्तुओं से सस्ती होती है सरकार को इस पर ध्यान देना होगा कि क्या कारण है कि चीन से आने वाली सस्ते पड़ते हैं जबकि भारत में निर्मित पर यह महंगे पड़ते हैं

©Ek villain #नीतियों में बदलाव जरूरी

#VantinesDay

Pnkj Dixit

🇮🇳चन्द्रशेखर आजाद 🇮🇳 पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल क

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#OpenPoetry 🇮🇳पं• चंद्रशेखर आजाद🇮🇳 🇮🇳चन्द्रशेखर आजाद 🇮🇳

पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल क

Sonu Mishra

मैं तो सवालात करूँगा, जहाँ मुझे लगेगा कि गलत हो रहा है तो मैं सवाल खड़े करूँगा. चाहे सरकार किसी की भी क्यों न हो, और हाँ मैं भाजपा की नीतियों का समर्थन कर उसकी कार्य मे संलिप्त होता हूं. लेकिन ऐसा नही मैं भाजपा का गुलाम हूं वो गलत नीतियों का प्रदर्शन करेगी तो मैं चुप नही रहूंगा मैं उसपे भी सवाल खड़े करूँगा. चूंकि मैं एक जागरूक नागरिक हूं.

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मैं सत्ता के साथ नही, उसके समानांतर रहता चाहता हूं, विरोधी नही प्रश्नकर्ता 
 मैं तो सवालात करूँगा, जहाँ मुझे लगेगा कि गलत हो रहा है तो मैं सवाल खड़े करूँगा. चाहे सरकार किसी की भी क्यों न हो, और हाँ मैं भाजपा की नीतियों का समर्थन कर उसकी कार्य मे संलिप्त होता हूं. लेकिन ऐसा नही मैं भाजपा का गुलाम हूं वो गलत नीतियों का प्रदर्शन करेगी तो मैं चुप नही रहूंगा मैं उसपे भी सवाल खड़े करूँगा. चूंकि मैं एक जागरूक नागरिक हूं.

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