Find the Best poetryunpluged Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Madhubala Jain Rathod
Mantri Ji हाथ जोड़े सर् झुकाए, माँगते हैं वोट सरकारी खजाने से बांटते हैं तब नोट कसमों का,वादोंका अंबार लगा देते हैं, दुम हिलाते हुए, सब के आगे पिछे नाचते हैं। कुर्सी के लिए ये कुछ भी कर जायेंगे, तुम कहो तो बंदरिया का नाच भी दिखाएंगे कुर्सी की इतनी बड़ी भूख हैं गरीबोंके घर जाकर रोटी भी खाते हैं। किसानो की दुर्दशा पर मगरमछ के आँसू बहाते हैं। मंत्री बनने क लिए हर कुनीति अपनाते हैं, गुंडे मवाली लोगोँ को अपने दल मे रखते हैं। मंत्री बनते ही इनके तेवर बदल जाते हैं , पाँच साल तक स्विस बैंक भरने में लग जाते हैं। इन्हें देश की तरक्की से कोई मतलब नहीं, वक्त आने पर अपने देश को बेच खाते है। इक्का दुक्का मंत्री छोड़ो, बाकी सारे भ्रष्ट हैं, अपनी अपनी तरक्की मे सारे ही व्यस्त हैं। शौचालय और सडकों की लंबी लिस्ट हैं, बड़े बड़े पुलों के नीचे गंदी राजनीति हैं। संत्री के भी लायक नही, वो मंत्री बन जाते हैं, दोष हमारे अज्ञान का हैं, जान बुझ कर अनदेखा कर जाते हैं। अब भी वक्त हैं,संविधान ने दिए हक का इस्तेमाल करो अनपढ़, अपराधी नेताओंको देश निकाला दे दो औकात के हिसाब से हर मंत्री को सही जगह दिखा दो ©Madhubala Jain Rathod हम तुम्हे नोट देंगे, तुम हमें वोट दो #WForWriters #Nojoto #nojotohindi #Trending #Poetry #poetryunpluged #latest #Best #Madhujain PREETI AGGARWAL Anshu writer Drsantosh Tripathi Mukesh Poonia Internet Jockey
हम तुम्हे नोट देंगे, तुम हमें वोट दो #WForWriters #nojotohindi #Trending #Poetry #poetryunpluged #latest #Best #Madhujain PREETI AGGARWAL Anshu writer Drsantosh Tripathi Mukesh Poonia Internet Jockey
read moreMadhubala Jain Rathod
उम्मीदें पिछले साल हमारे गाँव, बादल बरसना भूल गए थे, हमने जो बोये थे मोती, कौए सारे चुग गए थे। नई बात नहीं किसानोंके लिए, हर साल ऐसा होता हैं, फिर भी बंजर जमीन में,वो ख्वाबों के मोती बोता हैं। एक आस लिए सीने में, धरती को पूजा करते हैं, रूठी हुई माँ को हर रोज मनाते रहते हैं। हमारी लगन देखकर, बादल एक दिन फुट पड़ेंगे, कबतक देखेंगे तरसी धरती, एक दिन प्यार के अंकुर उगेंगे इसी उम्मीद से मै हर साल बीज बोता हुँ, मरनेका सवाल ही नहीं, उम्मीद पे जिंदा रहता हूँ। एक दिन बंजर जमी भी श्रम के आगे पिघलेगी, चारो तरफ देखना, हरियाली ही हरियाली खिलेगी। भूख से बड़ी कोई समस्या नहीं, किसान की उम्मीद से बढ़कर कोई उम्मीद नहीं। ©Madhubala Jain Rathod उम्मीद क्या होती हैं, किसानोंसे पूछो #Nojoto #nojotohindi #Poetry #best #trdnding #poetryunpluged #Madhujain #ExpectationFromLife
उम्मीद क्या होती हैं, किसानोंसे पूछो #nojotohindi #Poetry #Best #trdnding #poetryunpluged #Madhujain #ExpectationFromLife
read morevks Siyag
#Smoothguitar #motivate #zindagi_se_baatein #Zindagi #Motivation #NojotoFilms #poetryunpluged #vimla -Choudhary
read morevks Siyag
#specialone #Love #nojotohindi #NojotoFilms #nojotopoem #poetryunpluged #vimla-Choudhary
read moreGirijanand Mishra
#Poetryunpluged निकलेगा हल, आज नहीं तो कल। मत हो निराश, ले चल मन विश्वास।। ढलने के बाद भी, दिन आता निकल मत हो निराश, ले चल मन विश्वास। निकलेगा हल, आज नहीं तो कल।। ये मत पूछना, कल को किसने देखा। बड़े ही यतन से, सोच कर हमनें लिखा। हर कदम रख, यहां तू संभल। मत हो निराश, ले चल मन विश्वास। निकलेगा हल, आज नहीं तो कल।। गिरिजा नन्द मिश्र पूर्णिया बिहार ©Girijanand Mishra निकलेगा हल आज नहीं तो कल। #bharatband
निकलेगा हल आज नहीं तो कल। #bharatband
read moreGirijanand Mishra
#Poetryunpluged निकलेगा हल, आज नहीं तो कल। मत हो निराश, ले चल मन विश्वास।। ढलने के बाद भी, दिन आता निकल मत हो निराश, ले चल मन विश्वास। निकलेगा हल, आज नहीं तो कल।। ये मत पूछना, कल को किसने देखा। बड़े ही यतन से, सोच कर हमनें लिखा। हर कदम रख, यहां तू संभल। मत हो निराश, ले चल मन विश्वास। निकलेगा हल, आज नहीं तो कल।। गिरिजा नन्द मिश्र पूर्णिया बिहार ©Girijanand Mishra निकलेगा हल आज नहीं तो कल। #bharatband
निकलेगा हल आज नहीं तो कल। #bharatband
read moreGirijanand Mishra
#Poetryunpluged कहो तो गीत लिख दूं। या फिर मीत लिख दूं। जिंदगी के सफ़र में यारा, कहो तो प्रीत लिख दूं।। बहारें नित आती जाती है, खग गुंजन यू ही गाती है। सुमन मुस्कान लव खेले, कहो क्या जग रीत लिख दूं।। ओढ़ कर हेमंती चादर, देखो सबनमी धरती। लोरी गा रही ममता, गौरव संगीत लिख दूं।। कहो तो गीत लिख दूं। या फिर मीत लिख दूं।। गिरिजा नन्द मिश्र टीचर्स कॉलोनी पूर्णिया बिहार पिन कोड 854301 ©Girijanand Mishra कहो तो गीत लिख दूं।
कहो तो गीत लिख दूं।
read moreGirijanand Mishra
#Poetryunpluged कहो तो गीत लिख दूं। या फिर मीत लिख दूं। जिंदगी के सफ़र में यारा, कहो तो प्रीत लिख दूं।। बहारें नित आती जाती है, खग गुंजन यू ही गाती है। सुमन मुस्कान लव खेले, कहो क्या जग रीत लिख दूं।। ओढ़ कर हेमंती चादर, देखो सबनमी धरती। लोरी गा रही ममता, गौरव संगीत लिख दूं।। गिरिजा नन्द मिश्र टीचर्स कॉलोनी पूर्णिया बिहार पिन कोड 854301 ©Girijanand Mishra #bharatband