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Shabdkarita (शब्दकारीता)
(एक तरफा प्यार) निशब्द सा है समा। बहुत कुछ कहने को दिल करता है। ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू। सोच कर ना जाने क्या शब्द - निशब्द पर टहरता है। क्या कहूं और कैसे कहूं क्योंकि एक एक शब्द में कहानियां है हज़ारों इसलिए तेरी बातों और तारीफों की तुलना शब्दों में नहीं हो सकती। तुझे तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। शब्दों में कैसे फिर करदू बयां। एक तेरी मुस्कुराहट और मासूमियत पर दिल मारता है निशब्द सा है समा। पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है। निशब्द सा है समा। पर बहुत कुछ कहने का दिल करता है। #Lokeshpal #shabdkarita (एक तरफा प्यार) निशब्द सा है समा। बहुत कुछ कहने को दिल करता है। ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू। सोच कर ना जाने क्या शब्द - निशब्द पर टहरता है। क्या कहूं और कैसे कहूं
(एक तरफा प्यार) निशब्द सा है समा। बहुत कुछ कहने को दिल करता है। ख़ामोश सा बैठा हूं ना जाने क्यू। सोच कर ना जाने क्या शब्द - निशब्द पर टहरता है। क्या कहूं और कैसे कहूं
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मै बरसना चाहता हूं तेरे प्यार में भीगना चाहता हूं तेरे इश्क़ ए दीदार में ये सुहानी हवा तेरी खुशबू से कम नहीं। तुझ में फ़ना होने की चाहत दिल बस इज़हार के इंतजार में। तेरे आगे ये दुनियां क्या,रूह से रिश्ता है मेरा बस यूंही खोया जाता तेरे ऐतबार में #Lokeshpal #Shabdkarita मै बरसना चाहता हूं तेरे प्यार में भीगना चाहता हूं तेरे इश्क़ ए दीदार में ये सुहानी हवा तेरी खुशबू से कम नहीं। तुझ में फ़ना होने की चाहत दिल बस इज़हार के इंतजार में। तेरे आगे ये दुनियां क्या,रूह से रिश्ता है मेरा
मै बरसना चाहता हूं तेरे प्यार में भीगना चाहता हूं तेरे इश्क़ ए दीदार में ये सुहानी हवा तेरी खुशबू से कम नहीं। तुझ में फ़ना होने की चाहत दिल बस इज़हार के इंतजार में। तेरे आगे ये दुनियां क्या,रूह से रिश्ता है मेरा
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क्या कहूं ओ रब्बा, ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त, किस्मत थोड़ी रूठी सी हो गई काश कोई समझ पाता वक़्त की मार को, शायद जाग जाती किस्मत जो सो गयी रोती है रूह.................कहती कैसे तन्हा है यूं दो पल की ज़िन्दगी का चार पल चैन वो रोती आंखों के आंसू क्या कहूं ओ रब्बा ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त ज़िन्दगी की राह रूखी सी हो गयी बरस ए रब तू ज़िन्दगी की बारिश बन ज़िन्दगी की बारिश देखे मुद्दत सी हो गयी क्या कहूं ओ रब्बा ज़िन्दगी की शिद्दत सी खो गयी क्या कहूं ओ रब्बा लोटा दे ज़िन्दगी में थोड़ी बहार कहीं #Lokeshpal #Shabdkarita क्या कहूं ओ रब्बा, ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त, किस्मत थोड़ी रूठी सी हो गई काश कोई समझ पाता वक़्त की मार को, शायद जाग जाती किस्मत जो सो गयी रोती है रूह.................कहती कैसे तन्हा है यूं
क्या कहूं ओ रब्बा, ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त, किस्मत थोड़ी रूठी सी हो गई काश कोई समझ पाता वक़्त की मार को, शायद जाग जाती किस्मत जो सो गयी रोती है रूह.................कहती कैसे तन्हा है यूं
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वक़्त की तलाश में ही वक़्त गवां दिया। कुछ अपनों ने ही धोखा देकर गिरा दिया, सफ़र की राह पर बढ़ चले है अब कुछ ठोकरों ने इंसान बना दिया। #lokeshpal #Shabdkarita वक़्त की तलाश में ही वक़्त गवां दिया। कुछ अपनों ने ही धोखा देकर गिरा दिया, सफ़र की राह पर बढ़ चले है अब कुछ ठोकरों ने इंसान बना दिया। #lokeshpal #shabdkarita #Hindi #Love
वक़्त की तलाश में ही वक़्त गवां दिया। कुछ अपनों ने ही धोखा देकर गिरा दिया, सफ़र की राह पर बढ़ चले है अब कुछ ठोकरों ने इंसान बना दिया। #Lokeshpal #shabdkarita #Hindi #Love
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यूं मुझे नज़रों से छूकर। यूं बातो से मुझे लूटकर करता रहा वो बातो के वादे। मै होती रही जज़्बाती। अनजान थे उसके इरादे। बातो ही बातो में वो मेरे जिस्म से खेल गया। क्या इतनी धोखे बाज है ये दुनियां। बेखबर यूं हंसती ज़िन्दगी बस जिस्मो का मेल रहा। #Lokeshpal #Shabdkarita यूं मुझे नज़रों से छूकर। यूं बातो से मुझे लूटकर करता रहा वो बातो के वादे। मै होती रही जज़्बाती। अनजान थे उसके इरादे। बातो ही बातो में वो मेरे जिस्म से खेल गया। क्या इतनी धोखे बाज है ये दुनियां। बेखबर यूं हंसती ज़िन्दगी
यूं मुझे नज़रों से छूकर। यूं बातो से मुझे लूटकर करता रहा वो बातो के वादे। मै होती रही जज़्बाती। अनजान थे उसके इरादे। बातो ही बातो में वो मेरे जिस्म से खेल गया। क्या इतनी धोखे बाज है ये दुनियां। बेखबर यूं हंसती ज़िन्दगी
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मर रहे लोग,लोग इन अफवाहों की आग में। धधकती आग में जल गए मेहनत के आशियाने। जलते क्यू नही इन नेताओं के घर। सेंककर अपनी रोटियां हमदर्दी जताते है बाद में। कत्लेआम करके खुलेआम घूमते है। बुझ गये चिराग कुछ घरो के। मतलब के लिए बस पैर चूमते है। कैसे नींद आती होगी ऐसे काफिरो को रात में। जो जनता को जला देते है जज्बातो की आग में। #Lokeshpal #Shabdkarita मर रहे लोग,लोग इन अफवाहों की आग में। धधकती आग में जल गए मेहनत के आशियाने। जलते क्यू नही इन नेताओं के घर। सेंककर अपनी रोटियां हमदर्दी जताते है बाद में।
मर रहे लोग,लोग इन अफवाहों की आग में। धधकती आग में जल गए मेहनत के आशियाने। जलते क्यू नही इन नेताओं के घर। सेंककर अपनी रोटियां हमदर्दी जताते है बाद में।
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दुश्मनी करके वो अपना यार बताते है। पीछे जलन सामने से मुस्कुराते है हमे तो नियत में गद्दारी झलकती है दोस्त। Lokeshpal Shabdkarita #shadesoflife दुश्मनी करके वो अपना यार बताते है। पीछे जलन सामने से मुस्कुराते है हमे तो नियत में गद्दारी झलकती है दोस्त। #Hindi #Nojoto #friends #HindalshayrI
#shadesoflife दुश्मनी करके वो अपना यार बताते है। पीछे जलन सामने से मुस्कुराते है हमे तो नियत में गद्दारी झलकती है दोस्त। #Hindi #friends #HindalshayrI
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वक़्त की मार इतनी बुरी पड़ी। की मुड़कर हम वक़्त भी ना देख पाए। यूहीं चलती रही ज़िन्दगी की कश्ती। भूल गए कि हमारा भी कोई अपना है। #Lokeshpal #Shabdkarita वक़्त की मर इतनी बुरी पड़ी। की मुड़कर हम वक़्त भी ना देख पाए। यूहीं चलती रही ज़िन्दगी की कश्ती। भूल गए कि हमारा भी कोई अपना है। please subscribe on YouTube https://youtu.be/8mmzI-DcQ6Y
वक़्त की मर इतनी बुरी पड़ी। की मुड़कर हम वक़्त भी ना देख पाए। यूहीं चलती रही ज़िन्दगी की कश्ती। भूल गए कि हमारा भी कोई अपना है। please subscribe on YouTube https://youtu.be/8mmzI-DcQ6Y
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#Lokeshpal #Shabdkarita #indianapp #Nojoto #Life #Waqt #Lokeshpal #shabdkarita #Hindi #Poetry
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तुम क्या हमे समझोगे जनाब, पहले अपने आप को तो समझो। #Lokeshpal #Shabdkarita तुम क्या हमे समझोगे जनाब, पहले अपने आप को तो समझो। ________________________ वक़्त वक़्त की बात है लोकेश ज़िन्दगी है कहानियों का समुंद्र और हर ज़िन्दगी में अनगिनत कहानियां। कोई कहां ज्ञान पेल जाए क्या पता, जिन्होंने दुनियां ना देखी। जिन्हे अपनी ही खबर नहीं सोचते होंगे कुछ तो , तभी आज बस वो अपने को ही झेल रहे है और हम खामोश है,क्योंकि वक़्त वक़्त की बात है पेलने दो अगर पेल रहे है।
तुम क्या हमे समझोगे जनाब, पहले अपने आप को तो समझो। ________________________ वक़्त वक़्त की बात है लोकेश ज़िन्दगी है कहानियों का समुंद्र और हर ज़िन्दगी में अनगिनत कहानियां। कोई कहां ज्ञान पेल जाए क्या पता, जिन्होंने दुनियां ना देखी। जिन्हे अपनी ही खबर नहीं सोचते होंगे कुछ तो , तभी आज बस वो अपने को ही झेल रहे है और हम खामोश है,क्योंकि वक़्त वक़्त की बात है पेलने दो अगर पेल रहे है।
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