क्या कहूं ओ रब्बा, ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त, किस्मत थोड़ी रूठी सी हो गई काश कोई समझ पाता वक़्त की मार को, शायद जाग जाती किस्मत जो सो गयी रोती है रूह.................कहती कैसे तन्हा है यूं दो पल की ज़िन्दगी का चार पल चैन वो रोती आंखों के आंसू क्या कहूं ओ रब्बा ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त ज़िन्दगी की राह रूखी सी हो गयी बरस ए रब तू ज़िन्दगी की बारिश बन ज़िन्दगी की बारिश देखे मुद्दत सी हो गयी क्या कहूं ओ रब्बा ज़िन्दगी की शिद्दत सी खो गयी क्या कहूं ओ रब्बा लोटा दे ज़िन्दगी में थोड़ी बहार कहीं #Lokeshpal #Shabdkarita क्या कहूं ओ रब्बा, ज़िन्दगी थोड़ा टूटी सी हो गयी बेखौफ है वक़्त, किस्मत थोड़ी रूठी सी हो गई काश कोई समझ पाता वक़्त की मार को, शायद जाग जाती किस्मत जो सो गयी रोती है रूह.................कहती कैसे तन्हा है यूं