मर रहे लोग,लोग इन अफवाहों की आग में। धधकती आग में जल गए मेहनत के आशियाने। जलते क्यू नही इन नेताओं के घर। सेंककर अपनी रोटियां हमदर्दी जताते है बाद में। कत्लेआम करके खुलेआम घूमते है। बुझ गये चिराग कुछ घरो के। मतलब के लिए बस पैर चूमते है। कैसे नींद आती होगी ऐसे काफिरो को रात में। जो जनता को जला देते है जज्बातो की आग में। #Lokeshpal #Shabdkarita मर रहे लोग,लोग इन अफवाहों की आग में। धधकती आग में जल गए मेहनत के आशियाने। जलते क्यू नही इन नेताओं के घर। सेंककर अपनी रोटियां हमदर्दी जताते है बाद में।