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RAJ UPADHYAY
हमने कभी भी अपनों से एटीट्यूड नहीं रखा और जिन्हें हमने अपने आगे रखना चाहा उन्होंने हमें हमेशा पीछे रखा🙏🙏 ✍️✍️ मनोअभिव्यक्ति ©RAJ UPADHYAY #मनो abhivyakti #paper
chodo jamana bura man jayega
मैंने देखा कि मेरे इन अखबारो में तेरे शहर की खबरें छपती हैं-२ हुकूमत तो कोई और करता है तेरी आबरू पर ये खबर तो कहीं और छपती है जेई. गोस्वामी पीयूष #मनो#kahani ab Teri bhi hogi
Sagar vm Jangid
अगर मैं रावण होता तो जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् #dashhara #ravan जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी
banshi kushmesh singh yadav
सब पानी की धारा सेहै मिलकर चले किनारा सेहैं धर्म जाती के मूल भुला दो मन के पापी सूल भुला दो गले लगाओ खेद न मनो uuch नीच क भेद न मनो ऊच नीच क भेद न मनो
ऊच नीच क भेद न मनो
read moreSonam Priya
आज मेरो बेज़ुबानी को आवाज़ मिल गये, आँसुओ को बहने के जज़्बात मिल गये, जाने से तेरे मनो जीने की वजह ही बेवजह हो चली थी मनो, सच कहूं तो आज मेरी ख़ामोशी को अल्फ़ाज़ मिल गये।।
Jay Thaker
जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् | डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् || जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलो लवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि | धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम || धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुरस् फुरद् दिगन्त सन्तति प्रमोद मानमानसे | कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि क्वचिद् दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि || लता भुजङ्ग पिङ्गलस् फुरत्फणा मणिप्रभा कदम्ब कुङ्कुमद्रवप् रलिप्तदिग्व धूमुखे | मदान्ध सिन्धुरस् फुरत् त्वगुत्तरीयमे दुरे मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि || सहस्र लोचनप्रभृत्य शेष लेखशेखर प्रसून धूलिधोरणी विधूस राङ्घ्रि पीठभूः | भुजङ्ग राजमालया निबद्ध जाटजूटक श्रियै चिराय जायतां चकोर बन्धुशेखरः || ललाट चत्वरज्वलद् धनञ्जयस्फुलिङ्गभा निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्प नायकम् | सुधा मयूखले खया विराजमानशेखरं महाकपालिसम्पदे शिरोज टालमस्तु नः || कराल भाल पट्टिका धगद् धगद् धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुती कृतप्रचण्ड पञ्चसायके | धरा धरेन्द्र नन्दिनी कुचाग्र चित्रपत्रक प्रकल्प नैक शिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ||| नवीन मेघ मण्डली निरुद् धदुर् धरस्फुरत्- कुहू निशीथि नीतमः प्रबन्ध बद्ध कन्धरः | निलिम्प निर्झरी धरस् तनोतु कृत्ति सिन्धुरः कला निधान बन्धुरः श्रियं जगद् धुरंधरः || प्रफुल्ल नीलपङ्कज प्रपञ्च कालिम प्रभा- वलम्बि कण्ठकन्दली रुचिप्रबद्ध कन्धरम् | स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छि दांध कच्छिदं तमंत कच्छिदं भजे || अखर्व सर्व मङ्गला कला कदंब मञ्जरी रस प्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् | स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्त कान्ध कान्त कं तमन्त कान्त कं भजे || जयत् वदभ्र विभ्रम भ्रमद् भुजङ्ग मश्वस – द्विनिर्ग मत् क्रमस्फुरत् कराल भाल हव्यवाट् | धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः || स्पृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्- – गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः | तृष्णारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समप्रवृत्तिकः ( समं प्रवर्तयन्मनः) कदा सदाशिवं भजे || कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् | विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् || इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् | हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् || पूजा वसान समये दशवक्त्र गीतं यः शंभु पूजन परं पठति प्रदोषे | तस्य स्थिरां रथगजेन्द्र तुरङ्ग युक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शंभुः || इति श्रीरावण- कृतम् शिव- ताण्डव- स्तोत्रम् सम्पूर्णम् shiv tandav
shiv tandav
read moreRohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
अमर श्री मनोहर पर्रिकर जी की सादगी के बारे में जोभी व्यक्ति पढ़-सुन रहा है! मानो, उन व्यक्तियों के 'मनो' को कोई 'हर' रहा है!! इस दुनिया से वे छुट्टी लेकर चले गये! और सभी के 'मनो' को 'हर' गये!! बधाई हो छुट्टी की by #NojotoQuote अमर श्री मनोहर पर्रिकर जी की सादगी के बारे में जोभी व्यक्ति पढ़-सुन रहा है! मानो, उन व्यक्तियों के 'मनो' को कोई 'हर' रहा है!! इस दुनिया से वे छुट्टी लेकर चले गये! और सभी के 'मनो' को 'हर' गये!!
अमर श्री मनोहर पर्रिकर जी की सादगी के बारे में जोभी व्यक्ति पढ़-सुन रहा है! मानो, उन व्यक्तियों के 'मनो' को कोई 'हर' रहा है!! इस दुनिया से वे छुट्टी लेकर चले गये! और सभी के 'मनो' को 'हर' गये!!
read moreMukabbir Ahmad
जैसे ज़िन्दगी कैद थी किसी अँधेरे कैद खाने में पर आज आज उसे सूरज की एक किरन मिल गयी हो मानो खुश्क थी मुद्दत से ये रूह मेरी पर आज आज जैसे कोई सैलाब सा भीगा गया हो मनो बरसो से ये आँखे बेकार थी कुछ देखने को पर आज तुमको देखा तो इनको करार आ गया गया मनो एक आतिश से तप रहा था बदन मेरा पर आज आज उसको कोई ठंडी हवा का अहसाह दिला गया हो मनो बेरंग और बेअदब थी सी दुनिया आज से पहले पर आज आज कोई रंगीन मोजिज़ा दिखा गया हो मनो आज से पहले ख़ूबसूरती फूल और किताबो में ही होती थी पर आज आज तेरे हुस्न की ग़ज़ल से फूल भी तेरी पनाह में आ गया हो तुमको देखा तो ये ख्याल आया अब कहा छोड़ेगी तितलियाँ तुम्हे खुदा ने तम्हे फूल से ख़ूबसूरत और शहद से मीठा जो बनाया #NojotoHindi #Poetry #Quotes #Kalakaksh #thought #Shayari #Pram #TST #Nojoto
Sachin Ken
उसे पहली बार साड़ी में देख नज़र उसपर जा अटकी और मैं बस एकटक उसे देखता रहा उसे आज अरसे बाद देख रहा था,जब उसे आज साड़ी में देखा तो याद आयी वो कॉल जो शायद उसकी मौसी की लड़की ने की थी जिसने मुझे बताया था कि "मनो की शादी है अगले महीने" और मुझे मेरा जवाब भी याद है -हाँ ठीक है शादी है तो congratulations बोल देना मेरी तरफ से। और बस इतना कहकर मैंने कॉल कट करदी थी। उसका नाम मनोरमा था,घर में सब उसे मनो कहते थे पूरे एक साल बाद आज अचानक जब बाजार में उसपर नज़र पड़ी तो काफी सारी तस्वीरें नज़रों के सामने घूमने लगीं कु
उसे पहली बार साड़ी में देख नज़र उसपर जा अटकी और मैं बस एकटक उसे देखता रहा उसे आज अरसे बाद देख रहा था,जब उसे आज साड़ी में देखा तो याद आयी वो कॉल जो शायद उसकी मौसी की लड़की ने की थी जिसने मुझे बताया था कि "मनो की शादी है अगले महीने" और मुझे मेरा जवाब भी याद है -हाँ ठीक है शादी है तो congratulations बोल देना मेरी तरफ से। और बस इतना कहकर मैंने कॉल कट करदी थी। उसका नाम मनोरमा था,घर में सब उसे मनो कहते थे पूरे एक साल बाद आज अचानक जब बाजार में उसपर नज़र पड़ी तो काफी सारी तस्वीरें नज़रों के सामने घूमने लगीं कु
read moreशायरSahab
जब भी तुम बोलते थे कितनी मोहब्बत करते हो क्या मेरे जैसे तुम भी इंतेजार में आंहे भरते हो यकी मनो जाना मैं तुमसे बेशुमार मोहब्बत करता हुं बस बंदिशें हैं किसी की जो तुमसे झूठ बोलता था... अकेले बैठ तेरा इंतजार करता हॅंू यकी मनो जाना मैं तुमसे आज भी बेशुमार मोहब्बत करता हूँ ... #muhabbat #intejar #jhuth #bandishein
#Muhabbat #intejar #jhuth #bandishein
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