उसे पहली बार साड़ी में देख नज़र उसपर जा अटकी और मैं बस एकटक उसे देखता रहा उसे आज अरसे बाद देख रहा था,जब उसे आज साड़ी में देखा तो याद आयी वो कॉल जो शायद उसकी मौसी की लड़की ने की थी जिसने मुझे बताया था कि "मनो की शादी है अगले महीने" और मुझे मेरा जवाब भी याद है -हाँ ठीक है शादी है तो congratulations बोल देना मेरी तरफ से। और बस इतना कहकर मैंने कॉल कट करदी थी। उसका नाम मनोरमा था,घर में सब उसे मनो कहते थे पूरे एक साल बाद आज अचानक जब बाजार में उसपर नज़र पड़ी तो काफी सारी तस्वीरें नज़रों के सामने घूमने लगीं कुछ आवाज थी जो कानों से आकर लगातार टकरा रही थीं। उसके साथ मे उसकी मम्मी भी थी,जो मुझसे भली भांति परिचित थीं,इसलिए कुछ बात हो पाना तो मानो नामूमकिन सा ही था मगर कुछ बातें थी जो उसने आँखों से कह दी और मेरे लाख रोकने के बाद भी मेरी आँखों ने समर्थन उसका कर ही दिया उसकी खामोश आँखें उतरे हुए चेहरे से साफ पढ़ा जा सकता था,कि वो आज भी उतनी ही परेशान है जितनी एक साल पहले थी,लग रहा था जैसे मुझसे दूर खड़ी कह रही है देखो तुम्हें मजाक लगता था ना सब,हो गयी मेरी शादी चली गयी में तुम से दूर बहोत दूर, यही चाहते थे ना तुम