सब पानी की धारा सेहै मिलकर चले किनारा सेहैं धर्म जाती के मूल भुला दो मन के पापी सूल भुला दो गले लगाओ खेद न मनो uuch नीच क भेद न मनो ऊच नीच क भेद न मनो