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Best हाड़ Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shubham Bhardwaj

Babita Gour

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Dear Teacher ●● HPY TEACHER'S DY●●

"मैं 
हाड़-मांस का 
पुतला था
मुझे
इंसान बनाया
तुमने..
भर सच्ची संवेदना
असल में 
जीना सिखाया
तुमने..
बन 
पथप्रदर्शक मेरे
मेरी रहो के शूल को
रखा मुझसे दूर
इंसानियत ही है
इस देह(मनुष्य)
का असल स्वरूप
बताया
तुमने..
ज्ञान..धैर्य..पारदर्शिता 
इन सबसे
जीवन सार सिखाया 
तुमने...

मैं हाड़-मांस का
पुतला था
मुझे
इंसान बनाया
तुमने।।"

    ●~●● बबिता ●●~●

Babita Gour

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●● HPY TEACHER'S DY●●

"मैं 
हाड़-मांस का 
पुतला था
मुझे
इंसान बनाया
तुमने..
भर सच्ची संवेदना
असल में 
जीना सिखाया
तुमने..
बन 
पथप्रदर्शक मेरे
मेरी रहो के शूल को
रखा मुझसे दूर
इंसानियत ही है
इस देह(मनुष्य)
का असल स्वरूप
बताया
तुमने..
ज्ञान..धैर्य..पारदर्शिता 
इन सबसे
जीवन सार सिखाया 
तुमने...

मैं हाड़-मांस का
पुतला था
मुझे
इंसान बनाया
तुमने।।"

    ●~●● बबिता ●●~●

Vivekzm 😎

#vivekzm

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आजकल के हाड़ माँस के लड़के 
कुछ दढ़ियल, कुछ शायर लड़के 

आवारा निट्ठल्ले मोहल्ले की जान है लड़के 
बचपन मे शैतानी , जवानी में इश्क़ 
कहते है नाम खराब करते लड़के 

दोस्तों में सारी ठिठोलियां कर लेते है ये लड़के
बड़ी बड़ी गालियाँ यूँ बक देते हैं ये लड़के 
पर कभी रो नही पाते है माँ , घर के आगे 
रोना चाहते है कभी दहाड़े मार के 
माँ का पल्लू पकड़ कर 
पर ना जाने क्यों कह नही पाते ये लड़के 

देखो तो सब्जी का बोझ उठाते लड़के 
लाइन में ना लगने देने वाले लड़के 

हर जगह जुगाड़ बना के रखने वाले लड़के ..
मम्मी की दवा , हॉस्पिटल में खून 
दोस्ती में रात भर जगने वाले लड़के 

एक दिन सब कुछ छोड़ कर जाने वाले लड़के 
जॉब , नोकरी का बोझ फिर मुस्कुराने वाले लड़के 

माँ से दूर , घर से दूर खुद पका के अब खाने लगे लड़के 
सपने सारे देखे थे सैलरी के 
अब उस सैलरी से घर का बरगद बनने वाले लड़के  

आजकल के हाड़ माँस के लड़के 
कुछ दढ़ियल, कुछ शायर लड़के #vivekzm

Yogesh Jain

मैं इंसान हूँ। yogeshpoetrymai ensaan hun#

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मुझसे मेरी जात न पूछो,मैं हाड़ माँस का पुतला,मिट्टी से बना शमशान हूँ।
मैं भूखें की पेट,लाजो की लाज,बारिश में भीगा, ठंड से कम्पित,हिंसा से ग्रसित,मानवता कुंठित,अपनो से विलग,एकाकी पलक, दो वक्त की रोटी,चारदीवारी,मैं भयभीत,मैं लज्जित,मैं अकाल,मैं महामारी,मैं आपदा,मैं विपदा,चहुँओर से घिरा फिर भी अडीग खड़ा,मैं न हिन्दू, मैं न मुसलमान,मैं न सिख,मैं न ईसाई हूँ, क्योंकि कुछ भी होने से पहले मैं सर्वप्रथम इंसान हूँ, 
मुझसे मेरी जात न पूछो,मैं हाड़ माँस का पुतला मिट्टी से बना शमशान हूँ।। मैं इंसान हूँ। yogesh#poetry#mai ensaan hun#

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