Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best yagya Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best yagya Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 4 Followers
  • 5 Stories

Abhishek Kumar Baranwal

#yagya horse

read more

CalmKazi

कुंड में जल गई 
तेरी हया की आहुति,
कल कयासों का 
हवन हुआ था ।। हवन

#CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Yagya #हिंदी #हवन #कुंड #आहुति #हया #कविता #Poem #Poetry

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

एह्येहीति तमाहुतयः सुवर्चसः सूर्यस्य रश्मिभिर्यजमानं वहन्ति।
प्रियां वाचमभिवदन्त्योऽर्चयन्त्य एष वः पुण्यः सुकृतो ब्रह्मलोकः ॥

ये दीप्तिमयी हुताग्नियाँ उस यजमान को ''आओ, हमारे साथ आओ'' पुकार कर कहती हैं तथा प्रियवाणी के द्वारा उसका अभिवादन करते हुए, उसकी पूजा अर्चना करते हुए, सूर्य की रश्मियों के माध्यम से उसका वहन करती हैं; "यही है तुम्हारा पुण्य ब्रह्मलोक, तुम्हारा सुकृत-लभ्य स्वर्ग।''

“Come with us”, “Come with us”, they cry to him, these luminous fires of sacrifice, and they bear him by the rays of the Sun speaking to him pleasant words of sweetness, doing him homage, “This is your holy world of Brahman and the heaven of your righteousness.”

( मुण्डकोपनिषद् १.२.६ ) #मुण्डकोपनिषद् #upnishad #yagya #Surya #Rashmi

वेदों की दिशा

।। ॐ ।।
अबोध्यग्निः समिधा जनानां प्रति धेनुमिवायतीमुषासम्। 
यह्वाइव प्र वयामुज्जिहानाः प्र भानवः सिस्रते नाकमच्छ ॥

पद पाठ
अबो॑धि। अ॒ग्निः। स॒म्ऽइधा॑। जना॑नाम्। प्रति॑। धे॒नुम्ऽइ॑व। आ॒ऽय॒तीम्। उ॒षास॑म्। य॒ह्वाःऽइ॑व। प्र। व॒याम्। उ॒त्ऽजिहा॑नाः। प्र। भा॒नवः॑। सि॒स्र॒ते॒। नाक॑म्। अच्छ॑ ॥

हे विद्वन्! जैसे (समिधा) ईन्धन और घृत आदि से (अग्निः) अग्नि (अबोधि) जाना जाता अर्थात् प्रज्वलित किया जाता है (भानवः) कान्तियें (जनानाम्) मनुष्यों की (आयतीम्) आती हुई (धेनुमिव) दुग्ध देनेवाली गौ के तुल्य (उषासम्) प्रातर्वेला के (प्रति) (प्र, सिस्रते) प्राप्त होती और (वयाम्) शाखा को (प्र, उज्जिहानाः) अच्छे प्रकार त्यागते हुए (यह्वा इव) बड़े वृक्षों के सदृश (नाकम्) दुःख से रहित अन्तरिक्ष को (अच्छ) उत्तम प्रकार प्राप्त होती है, वैसे आप हूजिये ॥

Hey scholar!  Such as (samidha) from fire and ghee etc. (Agni:) Agni (Abodhi) is known, that is, to be ignited (Bhanava:) Kantiyan (Jananam) of human beings (Aatim) coming (dhenumiv) Milk-like cow (Ushasam) of Pratarvela  (Prat) attains (Pr, Sisrte) and (Vyam) branch (Pr, Ujjivahnah), leaving good kind (Yhva Iv) resembles big trees (Nakam) Space devoid of grief (Good) gets good type,  By the way, you do.

( ऋग्वेद ५.१.१ ) #rigveda #Vedas #samidha #ghee #yagya #Scholar #pleasure #Happiness

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile