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Chanchal Chaturvedi

White वो मेरे मन की बात जानना चाहता है..
मैं नहीं जानती वो मुझे समझता है या 
नहीं समझता है..
मैं कह नहीं पाती पर शिकायत 
तो है मुझे वो मेरी खबर नहीं रखता है..

©Chanchal Chaturvedi #ख़बर #Chanchal_mann #nazm  #GoodMorning

Saba Rasheed

koko_ki_shayri

#ख़बर तो सबको थीं...😟😟

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Rabindra Kumar Ram

" खुद को दिलासा और क्या दिया जाये कहीं मिले जो ख़बर तेरी ख़बर कुछ और तेरी ली जाये , मैं ज़ब्त भला कैसे और कर लू कहीं जो महज़ तेरी भनक भी लग जाये . " --- रबिन्द्र राम #दिलासा #ख़बर #ज़ब्त #महज़ #भनक

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" खुद को दिलासा और क्या दिया जाये कहीं मिले जो ख़बर तेरी ख़बर कुछ और तेरी ली जाये ,
मैं ज़ब्त भला कैसे और कर लू कहीं जो महज़ तेरी भनक भी लग जाये . " 

                              --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " खुद को दिलासा और क्या दिया जाये कहीं मिले जो ख़बर तेरी ख़बर कुछ और तेरी ली जाये ,
मैं ज़ब्त भला कैसे और कर लू कहीं जो महज़ तेरी भनक भी लग जाये . " 

                              --- रबिन्द्र राम 

 #दिलासा #ख़बर #ज़ब्त #महज़ #भनक

Rabindra Kumar Ram

" तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं , फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई , रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें , फिर इस गुमनामी में तु फिर शिद्दत से मिले तो मिले . " --- रबिन्द्र राम #ख़बर #बेपरवाह #रफ़ाक़त

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" तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं ,
फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई ,
रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें ,
फिर इस गुमनामी में तु फिर शिद्दत से मिले तो मिले . " 

                          --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " तेरी ख़बर तो मिलने को मिलती ही रहती हैं ,
फिर तु ही कुछ इस कदर बेपरवाह हो गई ,
रफ़ाक़त के कुछ सलीके इख्तियार कर तो लें ,
फिर इस गुमनामी में तु फिर शिद्दत से मिले तो मिले . " 

                          --- रबिन्द्र राम 

 #ख़बर #बेपरवाह #रफ़ाक़त

Ganesh Din Pal

#ख़बर........ जिंदा

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Penman

#ख़बर

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अरुण चौबे ‘प्रखर’

Rabindra Kumar Ram

" खैर अब इरादा क्या किया जाये उसे कुछ तो ख़बर होगी , मेरी मुख्तलिफ एक बात इस दफा उसके नज़र होगी, कौन बताये तुझे फिर मैं कहाँ और तु कहाँ गुमनाम होगी ‌, मेरे तसब्बुर के नुमाइश में तु ही तु महफुज होगी. " --- रबिन्द्र राम #इरादा #ख़बर #मुख्तलिफ #नज़र #गुमनाम #तसब्बुर #नुमाइश #महफुज

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" खैर अब इरादा क्या किया जाये उसे कुछ तो ख़बर होगी , 
मेरी मुख्तलिफ एक बात इस दफा उसके नज़र होगी, 
कौन बताये तुझे फिर मैं कहाँ और तु कहाँ गुमनाम होगी ‌, 
मेरे तसब्बुर के नुमाइश में तु ही तु महफुज होगी. " 

                   --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " खैर अब इरादा क्या किया जाये उसे कुछ तो ख़बर होगी , 
मेरी मुख्तलिफ एक बात इस दफा उसके नज़र होगी, 
कौन बताये तुझे फिर मैं कहाँ और तु कहाँ गुमनाम होगी ‌, 
मेरे तसब्बुर के नुमाइश में तु ही तु महफुज होगी. " 

                   --- रबिन्द्र राम 

 #इरादा #ख़बर #मुख्तलिफ #नज़र #गुमनाम #तसब्बुर #नुमाइश #महफुज

Shashi Bhushan Mishra

#ख़बर नहीं मंज़िल की#

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राह में उलझे रहे पर ख़बर नहीं मंज़िल की, 
ख़ैरियत चाहता हर कोई यहाँ पल-पल की,

ज़िन्दगी  दर-ब-दर  ही  ख़र्च  हो गई यारों, 
चैन  से  जी  सकूँ थी ऐसी तमन्ना दिल की,

तवज्जो दीजिए भी बुज़ुर्गों की नसीहत का, 
करे हर वक्त ही महफ़ूज खुदा आमिल की,

छले गए हैं कई बेगुनाह इश्क के फ़रेब में,
निगाह पढ़ न पाए मुहब्बत में क़ातिल की,

मुकम्मल हुए क़ामयाब अपनी मक़सद में, 
यही पहचान होती है हमेशा कामिल की,

कोई अब पूछता तक नहीं  है  उन्हें 'गुंजन',
हुआ करते थे मेज़बान कभी महफ़िल की,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
         चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #ख़बर नहीं मंज़िल की#
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