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Sita Prasad
गलतियाँ ऐसा लगता है, बचपन ही ठीक था, न एहसास था गलतियों का न खौफ़। खेल खेल में कुछ खराब कर देना, फिर साफ इन्कार कर जताना रौब। कभी किसी और की गलती छुपाना, दोस्तों के संग होती थी खूब मौज। माँ की ऊँची आवाज़ सुन भागते, सारे छुप जाते और हो जाते मौन। इन बड़ों का तो, किस्सा ही अलग है यारों, करते कुछ हैं और कहते कुछ हैं ये। बिल्ली हज को चल दी होगी कभी यारों, दूसरों के घरों पर पत्थर फेंकते हैं ये। कुछ करने न करने से मतलब नहीं यारों, काम पर पानी फेरने में माहिर हैं ये। गर बच्चे चूं चाँ भी करें यारों, नानी याद दिला देते हैं मिनट में ये। #rztask357 #restzone #rzलेखकसमूह #गलतियाँ
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read morePoonam Suyal
गलतियाँ (अनुशीर्षक में पढ़ें) गलतियाँ बैठती हूँ जब भी मैं ख़ुद के साथ, झाँकती हूँ जब अपने अंदर करने लगती हूँ मैं आत्ममंथन, पाती हूँ गलतियों का अथाह समंदर गलतियाँ जो मुझसे हुईं अंजाने में,
गलतियाँ बैठती हूँ जब भी मैं ख़ुद के साथ, झाँकती हूँ जब अपने अंदर करने लगती हूँ मैं आत्ममंथन, पाती हूँ गलतियों का अथाह समंदर गलतियाँ जो मुझसे हुईं अंजाने में,
read moreGopal Lal Bunker
गलतियाँ ~~~~~ कभी न कभी, बार-बार होती हैं गलतियाँ सबसे मगर गलतियाँ ही सबक देती हैं अलग सबसे, गलतियाँ ही जीवन को एक नया मोड़ देती हैं जब ये लाकर हमें नई जगह छोड़ देती हैं, लिया सबक जिसने गलतियों से गलतियाँ उसे आसमान से तारे तोड़ देती हैं गलतियों पर जिसने कचोटा नहीं खुद को होती रहती हैं वे बार-बार उससे अवसरों के दरवाजे बंद करने के लिए, क्योंकि अवसर होते हैं गलतियों के आगे-पीछे जो नजर आते हैं गलतियाँ सुधारने के बाद ही और जीवन में आती हैं खुशियाँ खुदके परिमार्जन के बाद ही! @ गोपाल 'सौम्य सरल' #कोराकाग़ज़ #गलतियां #rztask357 #rzलेखकसमूह #restzone #rzhindi #glal #yqdidi
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read moreSangeeta Patidar
एक ज़रा सी ग़लती पे दिल से कैसे उतर जाते हैं लोग, तोड़कर उनका दिल, गुनाह से कैसे उभर पाते हैं लोग! ग़लतियाँ दोहराई जाएँ गर तो भी बात समझ आती है, ग़लतफ़हमी के आइने में कैसे सज-सँवर पाते हैं लोग! उनसे होती नहीं क्या ग़लतियाँ, जो उँगली वो उठाते हैं, नज़रअंदाज़ कर अपना किया, कैसे ठहर पाते हैं लोग! लफ़्ज़ों के तीर ज़ुबाँ से जो निकले लौटकर आते नहीं, उन ज़ख़्मों को कुरेद के कैसे ख़ुशी-लहर पाते हैं लोग! अपनों की नहीं फ़िक्र और वो बात ग़ैरों की करते 'धुन', रौंदकर यूँ ख़ुशियाँ, वहीं से फिर कैसे गुज़र पाते हैं लोग! #restzone #rztask357 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #feelings #गलतियाँ
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