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Anushka Tripathi

White पिता सिर्फ  शब्द नहीं अहसास है
ये कुदरत का तोहफा है
जो सबसे खास है
 अनुशासन की एक कड़ी है
जो सिर्फ पिता से जुड़ी है
पिता बच्चों के लिए
सब कर जाता है
यहां तक कि अपनी किस्मत 
से भी वो एक बार लड़ जाता है
पिता जीने का सलीका सिखाता है
दुनिया वाकई में कैसी है
ये हमें पिता ही बताता है
पिता वर्तमान की हकीकत नहीं
हमें भविष्य के सच से रूबरू करवाता है
पिता ही वो इंसान है
जो हमें सही मायनों में
जीना सिखाता है !!!!

©Anushka Tripathi #fathers_day #डैडी #पापा ❤️

अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊😥🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C7oBeZxSLK3/?igsh=dGhxc3EydmJnYnox #हिंदी #बेटियां #बेटी #लाडो #पिता #पापा #डैडी #Instagram #Facebook #अदनासा

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Arsh

111R डैडी क्यों मेरी लाड़ो, पापा से छादी क्यों नहीं कलनी? मुदे नई पता, आप बहोत दंदे हो पापा, पिथली बाल तहा था तौफी लेने दा लहा हूँ, इत्ते दिन लद दये तौफी लाने में? मुदे आपथे बात ही नई तरनी आप दाओ पापा, मुदे आपथे तोई बात नई तलनी! औल मेली बीदीओ त्यों बना लहे हो..... * अरे हो गया दीपू, कितना रोयेगी, बंद कर ये वीडियो, और जाकर ज़रा देख तो कि बनवारी अभी तक फूल लेकर लौटा क्यों नहीं, इसको तो बस बहाना चाहिए रफ़ूचक्कर होने का।

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इस रचना को आप कैप्शन में पढ़ सकते हैं। 111R
डैडी

क्यों मेरी लाड़ो, पापा से छादी क्यों नहीं कलनी?
मुदे नई पता, आप बहोत दंदे हो पापा, पिथली बाल तहा था तौफी लेने दा लहा हूँ, इत्ते दिन लद दये तौफी लाने में? मुदे आपथे बात ही नई तरनी आप दाओ पापा, मुदे आपथे तोई बात नई तलनी!
औल मेली बीदीओ त्यों बना लहे हो.....
*
अरे हो गया दीपू, कितना रोयेगी, बंद कर ये वीडियो, और जाकर ज़रा देख तो कि बनवारी अभी तक फूल लेकर लौटा क्यों नहीं, इसको तो बस बहाना चाहिए रफ़ूचक्कर होने का।

RAJ SINGH ✔️

(मैं लोमड़ी कैसे हो सकता हूँ। ज़्यादा से ज़्यादा लूमड कह लो।) अक्टूबर 2016 का अंतिम रविवार; मध्यरात्रि।इनबॉक्स में एक मैसेज़ बरामद होता है और संवाद् श्रृंखला कुछ यूँ चल निकलती है। ------------------------------------ वो-- Happy Deepavali मैं-- वो क्या मनाये दीवाली जिसकी फुलझड़ी उससे नाराज़ हो!

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(मैं लोमड़ी कैसे हो सकता हूँ। ज़्यादा से ज़्यादा लूमड कह लो।)
अक्टूबर 2016 का अंतिम रविवार; मध्यरात्रि।इनबॉक्स में एक मैसेज़ बरामद होता है और संवाद् श्रृंखला कुछ यूँ चल निकलती है।
------------------------------------
वो-- Happy Deepavali

मैं-- वो क्या मनाये दीवाली
जिसकी फुलझड़ी उससे नाराज़ हो!

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