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Divya Joshi
Attributions credits video used Tital Blowing Dandelion By video clip: by stockfootage Link to download https://www.videvo.net/author/videvo/ Song tital: churi return
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खिल जाना चाहत तो हर एक की है पर खिल पाए हर कोई ये मुमकिन नहीं! ©Divya Joshi #phool #lekhaniblog #lekhniblogdj #djblogger #eklekhanimeribhi #abhivyaktidj #smallwondersaanvi #divyajoshi #saanvi #writingcommunity
Divya Joshi
सितारों की चमक को क़ैद तो कर लोगे, पर साँस लेने के लिए उन्हें खुला आसमान चाहिए होगा! दे पाओगे!? ©Divya Joshi सितारों की चमक को क़ैद तो कर लोगे पर साँस लेने के लिए उन्हें खुला आसमान चाहिए होगा! दे पाओगे!? #lekhaniblog #lekhaniblogdj #words #Broken #feel #sitaronkiduniya #realzindagi
सितारों की चमक को क़ैद तो कर लोगे पर साँस लेने के लिए उन्हें खुला आसमान चाहिए होगा! दे पाओगे!? #lekhaniblog #lekhaniblogdj #words #Broken #Feel #sitaronkiduniya #realzindagi
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इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है, तीखी धूप को हरदम ठंडी छाँव लिखता है। शूल भरे पथ पर चलकर हर जख्म सहता है, शब्दों में वो मलमल का अनुभाव लिखता है। क्रमश... आगे caption में पढ़ें ©Divya Joshi झूठा लेखक इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है, तीखी धूप को हरदम ठंडी छाँव लिखता है। शूल भरे पथ पर चलकर हर जख्म सह, शब्दों में वो मलमल का अनुभाव लिखता है।
झूठा लेखक इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है, तीखी धूप को हरदम ठंडी छाँव लिखता है। शूल भरे पथ पर चलकर हर जख्म सह, शब्दों में वो मलमल का अनुभाव लिखता है।
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श्री शिव पंचाक्षर स्त्रोत प्रथम श्लोक अर्थ सहित जैसा कि आप सभी जानते हैं शिव स्मरण का सर्वविदित मंत्र है ॐ नमः शिवाय। वैसे ही शिव पंचाक्षर स्त्रोत अर्थात पांच अक्षरों से मिलकर बना शिव स्त्रोत। अक्षर 'न' 'म' 'शि' 'वा' और 'य' इन पांचों अक्षरों से मिलकर बना पाँच श्लोकी स्त्रोत है शिव पंचाक्षर स्त्रोत। जिसका पहला श्लोक 'न' अक्षर से शुरू होता है और शिवजी के नकार स्वरूप के नमन पर समाप्त होता है। इसी तरह दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवा क्रमशः 'म' 'शि' 'व' और 'य' अक्षरों से शुरू होता है। और इन्हीं अक्षरो
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कभी तो होगी इस दर्द से भी आख़री मुलाकात, कर रही हूँ रोज न चाहते हुए भी इससे बात। ज़िन्दगी का फलसफ़ा और ये मेरे जज़्बात, तकते हैं राह!! कब आएगी उस आखरी मुलाकात की रात!! ©®divyajoshi स्वरचित मौलिक
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जागते ख़्वाब #nojotohindi # #nojotoofficial #lekhaniblog #lekhniblogdj #djblogger #eklekhanimeribhi #abhivyaktidj #divyajoshi #Saanvi
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ऐसे न बरसो सावन कि किसी की रोटी छिन जाए। बरसो तो ऐसे कि प्यास भी बुझ जाए, और कोई भूखा न सोने पाए। ऐसे न बरसो सावन कि किसी का आशियाना उजड़ जाए, बरसो तो यूँ कि छत पर गिरी बूंदों का
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नदिया किनारे: जीवनशाला हाँ!!! मैं भी बैठना चाहती हूँ नदिया किनारे। महसूस करने नदी की गाथा, उसके दुःख, दर्द। उसकी खुशियों उसके संघर्षों को जीने, उससे जीवन सीखने, मैं जरूर बैठूँगी एक दिन नदी किनारे। अस्वच्छ कर दिए गए उस सरित जल को भी यूँ नि:शंक प्रवाहित होते देख, शामिल हो उस प्रवाह गाथा में, निडरता वैसी ही उपजाना चाहती हूं मैं,
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मेरी डायरी से कुछ रद्दी खयाल.. मैंने... ज़िन्दगी में बहुत कुछ खोया!! लेकिन जब जब खोया न... तो नया कुछ पा भी लिया! पर इंतज़ार न किया कभी किसी के आने का जब- जब कोई ज़ख्म मिला न…
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