Find the Best भगवन Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutचढ़ाऊं क्या तुझे भगवन, अजब हैरान हूं भगवन, हमरी उलझन सुलझाओ भगवन lyrics, हमरी उलझन सुलझाओ भगवन, भगवन,
दिनेश कुशभुवनपुरी
#मुक्तक #टालमटोल #झोल #भगवन #अनमोल Ritu Tyagi Anupriya SURAJ PAL SINGH मनोज मानव Anshu writer gungun gusain सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) एक अजनबी Suhana parvin. please Humko support aur gift Kijiye - repost kijiye-Boss -"Richa_Shahu" -"Richa_Shahu" RD bishnoi kanta kumawat Nîkîtã Guptā RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Karan सुनील 'विचित्र' Choudhary Nk kumar Dheeraj Srivastava
read moreRadheshyam
अपनी शरण में ले लो भगवन, तुम्हारी शरण हीं सबसे सही हैं, मन नहीं लगता मेरा यहाँ पर, हर पल बस तेरी हीं कमी हैं, दुनिया तो सब मतलब की हैं, ये दुनिया तेरी नहीं हैं, तूने बनाया इनसानो को, फिर भी इंसानियत की बड़ी कमी हैं, ©दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका" #Light #NojotiHindi #भगवन
kumaarkikalamse
एक रोज़ यूँही मेरी जूते से थोड़ी बात हो गई इस तरह उसकी तकलीफ़ से मेरी मुलाकात हो गई। कोई उसे मंदिर नहीं ले जाता है अधूरा बिन भगवन इस बात पर आँखों से आसुओं की बरसात हो गई। समझाना मेरा उसे किसी काम ना आया पूरा दिन जाने कब सुबह से शुरू तर्क, और रात हो गई। मैंने कहा तुझे ग़म मंदिर ना जाने का है या कुछ और मेरी पूछी बात कड़वी लगी, और आघात हो गई। कहते हैं अंत भला तो सब भला ही होता है 'कुमार' भगवन है दिल में, सहमति उसकी मेरे साथ हो गई! बहुत जिद्दी था जूता पर इस बात पर मेरे साथ था कि भगवन के लिए मंदिर नहीं, दिल चाहिए और उसका दिल बहुत विशाल है..! #kumaarsthought #kumaartalkingnonlivingthings #abstractwriting #जूता #मंदिर #दिल #भगवन
बहुत जिद्दी था जूता पर इस बात पर मेरे साथ था कि भगवन के लिए मंदिर नहीं, दिल चाहिए और उसका दिल बहुत विशाल है..! #Kumaarsthought #kumaartalkingnonlivingthings #abstractwriting #जूता #मंदिर #दिल #भगवन
read moreAkhtar Gorakhpuri
तन मन धन सब त्याग दिया जब तब पाया मैं तुमको भगवन ©Akhtar Gorakhpuri #भगवन #WritersSpecial
ChittaranjanSahoo
આત્મા हे भगवन ! मेरे हर कर्म का कारण अब से आप है जो भी मेरे से होगा व आपके ही आदेश पर होगा कृपया मुझे अपने शरण में ले है भगवन ! मैं अबसे मैं नहीं रहा, न ही मैं शरीर हूँ, न ही मैं मन हूँ, बस आपका दास हूँ शरण में लीजिये भगवन! कृपा कीजिये! #આત્મા #भगवन
#આત્મા #भगवन
read moreDeep Shikha
हे विध्न हरता, इस त्योहार सभी सच्चे दिल वालों के लिए सफलता कि नदियाँ बहा दो भगवन , और पापियों के पाप का नाश कर उन्हें भी एक पवित्र हृदय का दान दो भगवन... बस सबका साथ सबका विकास👭👬 #गनेशा
रजनीश "स्वच्छंद"
मैं हार लिखता हूँ।। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। मज़ा किसमे रहा कितना बारंबार लिखता हूँ। कोई रोटी से हारा है, कोई गोटी से हारा है। भूखों मर रहा कोई, द्रौपदी हर रहा कोई। कहाँ कब धर्म बैठा था, दूषित ये कर्म बैठा था। कहाँ किसका रहा वंदन, तिलक माथे लगा चन्दन। लिखूं किसकी मैं बातों को, झुलसते दिन और रातों को। कहाँ कब आह निकली थी, मानवता जब ये फिसली थी। कोई था विद्व कोई ज्ञानी, भरा आंखों में बस पानी। हर उस आंख का मैं तो सरोकार लिखता हूँ। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। पूजा मैं करूँ किसकी, करूँ किसपे पुष्प अर्पण। मुंडाए सिर अपना मैं, करूँ बस सत्य का तर्पण। कभी जो ईश था मेरा, वही मुझसे रूठा है, क्यूँ उसने भी नहीं देखी, भरोसा मेरा टूटा है। भूखों वो जो मरता था, था भगवन तब कहाँ सोया। क्यूँ आगे वो नहीं आया, क्यूँ अपना हाथ था धोया। भगवन-दशा को आज मैं स्वीकार लिखता हूँ। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। रोटी या मुहब्बत हो, एक भूख हैं दोनों। दोनों की कमी खलती, सच दो टूक हैं दोनों। रोटी बिन कहाँ जीवन, चला किसका कहो कब है। भरा हो पेट रोटी से, उसका ही तो ये रब है। मुहब्बत एक झांसा है, कहानी भूख की सच्ची। जो आंखें आर्द्र ना होतीं, ज़ुबाँ ये मूक ही अच्छी। प्रेम और भूख की मैं तो टकरार लिखता हूँ। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। चलो कुछ तर्क भी कर लें, कुछ बातें कहता हूँ। मुहब्बत तो सही फिर भी, भूख लिखने से डरता हूँ। जननी है सफलता की, जिसे हम हार कहते हैं। सफल हो कर किया तुमने, उसे ही प्यार कहते हैं। जरा तुम हार कर देखो, मज़ा फिर जीत का कितना। जीत के बाद जो हो प्रीत, मज़ा फिर प्रीत का कितना। होकर आज नत मैं ये तर्क-सार लिखता हूँ। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। ©रजनीश "स्वछंद" मैं हार लिखता हूँ।। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। मज़ा किसमे रहा कितना बारंबार लिखता हूँ। कोई रोटी से हारा है, कोई गोटी से हारा है। भूखों मर रहा कोई,
मैं हार लिखता हूँ।। तुम प्यार लिखते हो और मैं हार लिखता हूँ। मज़ा किसमे रहा कितना बारंबार लिखता हूँ। कोई रोटी से हारा है, कोई गोटी से हारा है। भूखों मर रहा कोई,
read moreAbhishek Singh
मिट्टी-मिट्टी मेरा दिल मिट्टी-मिट्टी काया है। (पूरी कविता अनुशीर्षक में।) "मिट्टी-मिट्टी काया है" देख गगन का चहल-पहल, मन मेरा आज भरमाया है। मिट्टी-मिट्टी मेरा दिल, मिट्टी-मिट्टी काया है।। जब पका नहीं अंगारों में,
"मिट्टी-मिट्टी काया है" देख गगन का चहल-पहल, मन मेरा आज भरमाया है। मिट्टी-मिट्टी मेरा दिल, मिट्टी-मिट्टी काया है।। जब पका नहीं अंगारों में,
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