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Mr._Sanskari_00
जब वो शख्स किस्मत की लकीरों में था ही नही, जिसकी परवाह किए बैठे थे हम..!! किस्मत से कैसे लड़ते हम? जब वो शख्स जिसके लिए पूरे घर वालो से लड़े थे हम, वो खुद ही हमारा होना नही चाहता था..!! किस्मत से कैसे लड़ते हम? जब को शख्स जिसके लिए मैने मेरे सारे अपने छोड़े, वो ख़ुद ही मुझे छोड़ गया..!! ©leo #motivate किस्मत से कैसे लड़ते हम? #किसमत #Destiny #incompletelove #Ex #शख्स #घरवालों #हमारा #leo23
Shruti Rathi
Priya Gour
आज-कल आजकल के जीवन में आराम कहां है? हर कहीं बस भागम भाग हैं, किसी को अब चैन कहां है? आजकल के जीवन में विश्राम कहां है? कहीं बैठे सुकून से ऐसे हालात अब कहां हैं? आजकल के जीवन में सच्चा हमसफ़र कहां हैं? किसी से कह दे मन की हर बात ऐसा कोई साथी कहां है? आजकल की भागदौड़ में इंसानियत कहां है? जो समझे बेजुबानों की भाषा अब वह फरिश्ते कहां है? आजकल हर कोई बस जीतना चाहता है हारना कौन चाहता है? पर कोई दिलों को जीते ऐसे अब लोग कहां हैं? आजकल के जीवन में हर कोई परेशान है,चारों और परेशानी है? जिनको हो सारे सुख ऐसे अब किस्मत वाले लोग कहां हैं? आजकल की दुनिया में खुद से भी अनजान सब है? किसी और का हाल जाने ऐसी अब फुर्सत कहां है? आजकल के जीवन में सब अपने में मस्त हैं? सुकून से बैठे जिन से बात करें अब वो बचपन के दोस्त न जाने कहां व्यस्त है? आजकल घरवालों का सुनना भी किसको लगता अच्छा है? जो घरवालों के साथ दुनिया वालों की भी सुने ऐसे अब सहनशील कहां हैं? आजकल के इश्क़ का हाल भी क्या अच्छा है? जो जिस्म से नहीं रूह से होता था अब वो इश्क़ कहां है? आजकल की फिल्मों में वो बात कहां है? पहले जो घरवालों के संग सब साथ बैठ देखा करते थे अब वो फिल्में कहां है? सच में बहुत बदल गये हम सब और बहुत बदल गया समाज आजकल, बस सिर्फ देश के विकास के नाम पर, पर क्या देश का विकास हो रहा हैं? अपराधों के बढ़ने से या लोगों की गलत सोच के उदय के साथ होगा क्या देश का विकास? #AajKal #POD #Nojoto #Nojotohindi #Nojotoapp आजकल के जीवन में आराम कहां है? हर कहीं बस भागम भाग हैं, किसी को अब चैन कहां है? आजकल के जीवन में विश्राम कहां है? कहीं बैठे सुकून से ऐसे हालात अब कहां हैं?
सच में बहुत बदल गये हम सब और बहुत बदल गया समाज आजकल, बस सिर्फ देश के विकास के नाम पर, पर क्या देश का विकास हो रहा हैं? अपराधों के बढ़ने से या लोगों की गलत सोच के उदय के साथ होगा क्या देश का विकास? #Aajkal #pod #nojotohindi #nojotoapp आजकल के जीवन में आराम कहां है? हर कहीं बस भागम भाग हैं, किसी को अब चैन कहां है? आजकल के जीवन में विश्राम कहां है? कहीं बैठे सुकून से ऐसे हालात अब कहां हैं?
read moreparas Dlonelystar
क्या कहेंगे लोग, बचपन से जवानी तक ये समझ भी न आया कि मुझे आखिर करना क्या है,घरवालों की उम्मीदें और दुनिया के ताने ,भीड़ मैं सहमा सा,खामोश और तन्हा मैं अकेले चलता रहा | जाने कब ज़िन्दगी के भंवर मैं यूँ घूस गया कि मेरा वजूद मुझसे जुदा हो गया,जिया ही कब था मैं! यह डर की क्या कहेंगे लोग! मुझे जिंदा लाश बना गई ,अब तो सांसों के बोझ को ढोता बस आखरी वक़्त का इंतज़ार है ..न ज़िन्दगी को कुछ दे पाया न ज़िन्दगी मुझे संभाल पाई और उसपे घरवालों की उम्मीदें और दुनिया वालों के ताने🙂 #पारस #कहानी
पारस कहानी
read moreAnita Subhash Deshmukh
लघुकथा *पिता स्वरूप पति* लंबे अरसे के इंतज़ार के बाद आखिर एक दिन सुभाष ने अपने घरवालों से बात कह ही दी.... *उसे अनिता से शादी करनी* *है रिश्ते की बात करने उनके यहाँ जाए* ये शब्द सुनकर उसके पिता ने गुस्से से उनकी ओर देखा और कह दिया हममे से किसी को वो लड़की पसन्द नही तुम्हे उसे भूलना होगा। उसने भी कह दिया भूलने का सवाल ही पैदा नही होता,शादी करूँगा तो सिर्फ अनि से आपका आशिर्वाद हो तो अच्छी बात है,अगर नही तो कोर्टमैरिज करके ले जाऊंगा हमेशा के लिए इस घर से रिश्ता तोड़कर। फिर क्या बेटे के दूर होने के भय से शादी के लिए हां तो कह दी लेकिन हर कदम पर अनिता के घरवालों के सामने अजीबो गरीब शर्त रखकर। अनिता आत्मसम्मानी लडक़ी थी। जो कभी कोई गलत बात बर्दास्त नही करती ,हमेशा सत्य के मार्ग पर अडिग रहती ,लेकिन उस समय अपने साथी से किये वादे के लिए चुपचाप सारे दर्द सह रही थी क्योंकि सुभाष ने कहा था शादी तक बस चुप रहना। अनिता के पिता को हर बात अपने शर्तों से अपमानित करते लड़के के घरवाले क्योकि उन्हें पता था अनिता अपने पिता की लाडली है उसके खुशी के लिए वो हर अपमान सर झुकाकर सहेंगे। सुभाष की कोई बहन नही थी इसलिए उनके परिवार वालो को एक पिता का फर्ज एवम दर्द का आभास नही था। समाज की नजर में रिश्ता टूटने की बदनामी के ड़र से एक बेटी का पिता चुप है लग रहा था लोगो को,पर सच तो ये था ,जो भी हो रहा था वो सिर्फ प्रेमवश हो रहा था एक पिता का बेटी के लिए अथाह प्रेम ,चाहता तो लड़का उसकी लाडली को भगाकर ले जा सकता था,लेकिन एक पिता के सम्मान का ध्यान रखते हुए उन्होंने रिश्ता भेजकर पिता के मर्जी से उनकी बेटी से व्याह करने की चाह रखी। लड़के का लड़की के पिता की ही तरह लड़की का खयाल रखने और उनकी बेटी के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए हमेशा आगे ढाल बनकर खड़े रहने के वादे से ही उस पिता ने अपने बेटी का हाथ उनके साथी के हाथ मे देने का निर्णय लिया। ✍️अनिता सुभाष देशमुख पिता स्वरूप पति
पिता स्वरूप पति
read moreVishwas
ना ईंटों से, ना गारों से ना केवल चार दीवारों से घर बनता है घरवालों से ना खिड़की, ना दरवाज़ों से ना ऊंचे रोशनदानों से घर बनता है घरवालों से ना कुर्सी, मेज़, अखबारों से ना छप्पन भोग पकवानों से घर बनता है घरवालों से ना छप्पर, टीन, तिरपालों से ना महेंगे साज़ सामनों से घर बनता है घरवालों से #hindi #nojoto #home #poetry #poem #nojotohindi #ghar
Avinash Shandilya
छुपी मोहब्बत इश्क़, मोहब्बत,प्यार ,अधूरा प्यार या एकतरफ़ा प्यार ये सब तो आपने काफी सुना होगा ,पढ़ा होगा ,और शायद देखा भी होगा , परन्तु आज मैं इन सब से हटके एक नए एहसास और इसी पर घटी एक घटना कहानी के रूप में पेश कर रहा हूं, जिसका नाम है (छुपी मोहब्बत) तो बात है उन दिनों की जब अभिषेक बारहवीं पास कर गया और आगे की पढ़ाई के लिये उसने कॉलेज में दाखिला ले ली , कॉलेज में पढ़ाई के साथ साथ कुछ नए दोस्त भी मिले ,(कुछ होनहार तो कुछ लड़कीबाज़ ) अब तक अभिषेक बहुत सीधा सादा ,लड़ाई झगड़े से दूर ,और प्यार मोहब्बत जैसी
read morevirendra meena
किसी ने हमसे कहा महफ़िल इतनी सजी है फिर आप कहाँ गुम हो, तो मैंने कहा जब चोट मेरे दिल पे लगी है। तो ट्रेन के नीचे कटने से क्या होगा, घरवालों के दर्द का अहसास तुम्हें क्या होगा। जब घरवालों का दिल रो रहा हो तो , उस बेबफा लङकी के हंसने से क्या होगा।। तब उसने भी समझाते हुए कहा जो लम्हा खूशी दे उसे याद कर दर्द का न अहसास कर ये जिन्दगीं घरवालों के लिए है इसे न उस बेबफा लङकी के लिए बर्बाद कर ।। v.k हँसकर जी अपने माता-पिता के लिये जो तेरे रोने से दुखी हो जायेंगा
The Sarvajeet Krishna
यही तो अरैंज मैरेज है... (Caption) हाँ, अब मैं तुम्हारी हो गयी हूँ, घरवालों ने तुम्हारी फोटो दिखायी थी मैंने भी पसंद कर लिया कोई प्यार व्यार का चक्कर भी नही था और तुम भी इतने बुरे न थे इसलिए ना करने की कोई वज़ह भी न थी ये वाला एहसास... यही तो अरैंज मैरेज है
हाँ, अब मैं तुम्हारी हो गयी हूँ, घरवालों ने तुम्हारी फोटो दिखायी थी मैंने भी पसंद कर लिया कोई प्यार व्यार का चक्कर भी नही था और तुम भी इतने बुरे न थे इसलिए ना करने की कोई वज़ह भी न थी ये वाला एहसास... यही तो अरैंज मैरेज है
read moreMukesh Poonia
Story of Sanjay Sinha कल दफ्तर से छुट्टी थी। पत्नी ने सुबह ही पूछ लिया था कि संजय, तुम्हारा कोई प्रोग्राम तो नहीं है न? मैंने बिना कुछ सोचे समझे कह दिया था कि आज मैं एकदम फ्री हूं। कोई काम नहीं। मेरे मुंह से इतना निकलना था कि पत्नी खुश हो गई। कहने लगी कि आज तुम मेरा एक काम कर दो। तुम मेरे साथ शाम को मेरी सहेली अर्चना के घर चलना। “अर्चना के घर? मेरा क्या काम?” “अर्चना की शादी की बात करने। अर्चना दुविधा में है कि शादी करे या न करे। तुम उसे समझा सकते हो। तुम उसे समझा सकते हो कि उसे अब
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