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Best गीतों Shayari, Status, Quotes, Stories

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Prakash Vidyarthi

$ubha$"शुभ"

एक छोटी सी कोशिश की है अपने आवाज में रिकॉर्ड करने की शायद आप सब को पसन्द आये...थैंक यू। Read here👇👇👇👇... तुम कहो तो, गुजरे #लम्हों की कोई #दास्ताँ सुनाऊं। तुम कहो तो , #खामोशी से कोई राग गुनगुनाऊँ।

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prakash jaiswal

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साँस आता रहा,साँस जाता रहा,
मैं तुझे गीतों में गुन गुनाता रहा।

जो मेरे मन मे था मैंने वो ना कहा,
साँस आता रहा,साँस जाता रहा।।

जो दिया तूने वो मैने सब कुछ सहा,
हुआ मजबुर मैं लेकिन कुछ ना कहा।

तेरे खातिर हूँ मैं तेरे दर पे खड़ा,
है मोहब्बत का ये सिलसिला बड़ा।।

साँस आता रहा,साँस जाता रहा,
मैं तुझे गीतों में गुन गुनाता रहा।।
#PJ

Anant Mishra

#Continues...

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ये वो देश है जो रंगों को भी बाँट देता है,
जात या पात क्या अपनो को भी बाँट देता है,
इस बदलते देश की हालत देखो कवियों,
अपनी समशीर फिर अब उठाओ कवियों,
ना अब तुम केवल खुशामदी या जुम्ले लिखो गीतों में,
वक़्त की माँग है सत्यार्थ लिखो गीतों में,

महाप्राण निराला की तड़प है कविता,
बाबा नागार्जुन का विरोध है कविता,
इन कविताओं में दिनकर की क्रोध अग्नि है,
इन कविताओं में महाकवि कालिदास की दिव्य वाणी है,
ऐसी परम्पराओं को तुम ना बादलों कवियों,
जो हर युग मे तुम थे उसी युग मे तुम बादलों कवियों,
ना तुम केवल लोभ या मनोरंजन लिखों गीतों में ,
वक़्त की माँग है सत्यार्थ लिखो गीतों में।।। #continues...

Gaurav Jha

कोई कैद है मेरे आंगन में

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यूं मन मिलन के गीतों में '
यूं रिमझिम बरसती बरखा में '
यूं पंखों के चिरछाओं में '
कोई कैद है मेरे आंगन में '

यूं मधुर कोयल सी मुस्कानों में '
यूं मेरे नब्ज के ठिकानों में '
यूं बरबस पथराई आँखों में '
यूं पवन वेग इन हवाओं में '

कोई कैद है मेरे आंगन में ...

यूं प्रेम के उन परिभाषाओं में '
यूं गीत के उन लताओं में'
यूं शरद के उन शितों में '
यूं मधुर मिलन के गीतों में '

कोई कैद है मेरे आंगन में '
कोई कैद है मेरे आंगन में '

यूं मन के उन उत्साहों में '
यूं जीवन के नव राहों में '
यूं सागर के क्षितिज लहरों में '
यूं कलियों के उन घटाओं में '

कोई कैद है मेरे आंगन में '
कोई कैद है मेरे आंगन में ..
यूं कवियों के नवगीतों में ' 
यूं सुखद पड़े संगीतों में ...

यूं सूरज के उन किरणों में ' 
यूं चाँद की सुखी लाली में '
यूं निर्झर जल के झड़नों में '
यूं कीचड़ के उन कमलों में '

कोई कैद है मेरी आँखों में ...

काव्य -गौरव कोई कैद है मेरे आंगन में

Gaurav Jha

कोई कैद है मेरे आंगन में

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यूं मन मिलन के गीतों में '
यूं रिमझिम बरसती बरखा में '
यूं पंखों के चिरछाओं में '
कोई कैद है मेरे आंगन में '

यूं मधुर कोयल सी मुस्कानों में '
यूं मेरे नब्ज के ठिकानों में '
यूं बरबस पथराई आँखों में '
यूं पवन वेग इन हवाओं में '

कोई कैद है मेरे आंगन में ...

यूं प्रेम के उन परिभाषाओं में '
यूं गीत के उन लताओं में'
यूं शरद के उन शितों में '
यूं मधुर मिलन के गीतों में '

कोई कैद है मेरे आंगन में '
कोई कैद है मेरे आंगन में '

यूं मन के उन उत्साहों में '
यूं जीवन के नव राहों में '
यूं सागर के क्षितिज लहरों में '
यूं कलियों के उन घटाओं में '

कोई कैद है मेरे आंगन में '
कोई कैद है मेरे आंगन में ..
यूं कवियों के नवगीतों में ' 
यूं सुखद पड़े संगीतों में ...

यूं सूरज के उन किरणों में ' 
यूं चाँद की सुखी लाली में '
यूं निर्झर जल के झड़नों में '
यूं कीचड़ के उन कमलों में '

कोई कैद है मेरी आँखों में ...

काव्य -गौरव कोई कैद है मेरे आंगन में

Aditya Pandey

अपना ही गीत मैं गाता हूँ, अपना ही गीत मैं सुनाता हूँ

अपने ही गीतों से ख़ुद को हसाता हूँ, अपने ही गीतों से ख़ुद को रुलाता हूँ

अपना ही गीत मैं गाता हूँ, अपना ही गीत मैं सुनाता हूँ। #Nojoto #thoughts #2liner #life #poetry #Nojotohindi

Satendra gupta

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कुछ राज  लिखो  तुम  गीतों मे,

कुछ  प्यार लिखो  तुम गीतों मे।

पढ़कर  मन  व्याकुल  हो  जाये,

ऐसी  बात लिखो  तुम गीतों मे।।


 📝 सतेन्द्र गुप्ता "पडरौना"

Romil Srivastava✅️

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ये जो नफरत का जहर घोल रहे है मिलकर 
भाषा बारूद की जो बोल रहे है मिलकर 
इनकी साजिश से तो नेहरू का चमन जलता है 
इनके कारण ही ये गाँधी का वतन जलता है 
ऐसे माहौल मे मत आग के नग्मे गाओ
अब ना तुम और ये अंगार लिखो गीतों मे 
वक्त की माँग है श्रृंगार लिखो गीतों मे
एक अरसा हुआ तुमने भी मुहब्बत की थी 
 दिल के मंदिर मे किसी तो इबादत की थी  
तुम भी एक शौख के जलवों को सहर कहते थे 
उसके बोलो पर ही गजलों की बहर कहते थे 
शाम होती थी चिरागो से पिघल जाते थे 
रात होती थी उन्ही बाहों मे ढल जाते 
जैसा तब तुमने रचा था मेरे प्यारे भाई 
आज भी वैसा ही संसार रचो गीतों मे 
वक्त की माँग है श्रृंगार लिखो गीतों मे 
वक्त की माँग है बस प्यार लिखो गीतों मे  #NojotoQuote

Vijay tomar

बहुत हसींन हो तुम । बहुत जहरीन हो तुम। मेरे गीतों में,मेरी गजलो में हो तुम।। गुलो के मकरंद में तुम। तितलियों के रंग में तुम।। कोयल के गीत में तुम। मेरे मनमीत में तुम।। हर दिशा में तुम

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  बहुत हसींन हो तुम ।
बहुत जहरीन हो तुम।
मेरे गीतों में,मेरी गजलो में हो तुम।।
गुलो के मकरंद में तुम।
तितलियों के रंग में तुम।।
कोयल के गीत में तुम।
मेरे मनमीत में तुम।।
हर दिशा में तुम
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