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एक अजनबी
हर ओर अब सफ़र इक आसेब कर रहा है दुनिया सहम रही है इंसान डर रहा है ख़ामोश आस्माँ तो, सहमी सी है ज़मीं भी इक हश्र देख घर-घर, घर आज कर रहा है चुप-चाप मौत आई जो राह-ए-ज़िन्दगी में धड़कन सिमट रही डर ज़ेहन में भर रहा है आबाद शहर वीरान हुआ गुमनाम हुआ है वीराँ करने वाला आबाद-ओ-मशहूर हो रहा है।। 😐🥀🥀😐 ©एक अजनबी #आसेब :- तकलीफ, मुसीबत #Hindi #Nojoto #poem R K Mishra " सूर्य " Jack Sparrow PUJA UDESHI Richa Mishra Kanchan Pathak Mili Saha Rama Goswami Sunita Pathania nita kumari # musical life ( srivastava ) Sweety mehta sHiVa_JhA its.cute.girl shashi kala mahto poonam atrey Anshu writer Lalit Saxena वंदना .... भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन अदनासा- quotesofpainofficial Mahadev ki deewani Heena Hasan Sethi Ji Balwinder Pal Dikesh Kanani (Vvipdikesh) Aditya kumar prasad Ashutosh Mishra बादल सिंह 'कलमगार
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read moreFaza Saaz
#hindinama शीर्षक - हो जाती हैं कुछ स्त्रियाँ खंडहर- नुमा मकानों की तरह हो जाती हैं कुछ स्त्रियाँ खंडहर- नुमा मकानों की तरह, आसेब- ज़दा हो जाता है उनका मन, और आसेब- ज़दा जगहों पे कोई जाना पसंद नहीं करता, वो सुहागन होते हुए भी, कभी कोई साज- श्रृंगार नहीं किया करती हैं, माथे पे कभी बिंदी नहीं लगाया करती हैं, कलाई में उनके कभी रंग- बिरंगी चूड़ियाँ नहीं होतीं, माथे को शौक से सिंदुर् से नहीं सजाया करती हैं, बल्कि लगा लेती हैं इस लिए कि वो सुहागन हैं, एक पतिवरता नारी हैं, कभी शौक से अपने हथेलियों पे मेंहदी नहीं रचाती हैं, बालों की खूबसूरत चोटियाँ नहीं बनाया करती हैं, बल्कि यूँ ही बालों को समेट लिया करती हैं, यूँ सा जूरा बना लिया करती हैं बालों की, होठों पे अपने लिपस्टिक नहीं लगाया करती हैं, कानों में खूबसूरत बालियाँ नहीं पहना करती हैं, हालांकि उन्हें बहुत पसंद होता है, पैरों में पायल नहीं पहना करतीं, हालांकि उन्हें बहुत पसंद होता है फिर भी, हाँ, कभी - कभी खुद को गहनों से लाद लिया करती हैं, साज- श्रृंगार भी कर लिया करती हैं, क्योंकि उन्हें दुनिया को दिखाना होता है खुद को खुश व बाश, पता नहीं क्यों करती हैं वो ऐसा, शायद उनका मन खाली हो चुका होता है, या शायद उनके मन के खालीपन को कोई भरने वाला नहीं होता, या शायद रह जाया करती हैं मन से अनछुई ही, या शायद उन के मन में प्रेम- अंकुर नहीं फूट पाते कभी, या अगर फूटते भी हैं तो, प्रस्फुटित नहीं हा पाते कभी। #kuch स्त्रियाँ होती हैं जिनका मन बंजर ज़मीं की तरह हो जाता है... #prem के फूल कभी नहीं खिला करते उनके लिए... #खंडहर - नुमा मकानों की तरह हो जाया करती हैं। #आसेब - ज़दा मकानों की तरह हो जाते हैं उनके मन, जहाँ कोई झॉंकना भी पसंद नहीं करता.... एक ख़लिश सी रह जाती है उनके मन में.. उनके मन का #khalipan भरने वाला कोई नहीं होता... #womenslife #yqdidi Pic- google ©Faza Saaz #Naari #Women #Aurat #Dard #Strings #ehsaas #Kha #Light
Faza Saaz
#hindinama शीर्षक - हो जाती हैं कुछ स्त्रियाँ खंडहर- नुमा मकानों की तरह हो जाती हैं कुछ स्त्रियाँ खंडहर- नुमा मकानों की तरह, आसेब- ज़दा हो जाता है उनका मन, और आसेब- ज़दा जगहों पे कोई जाना पसंद नहीं करता, वो सुहागन होते हुए भी, कभी कोई साज- श्रृंगार नहीं किया करती हैं, माथे पे कभी बिंदी नहीं लगाया करती हैं, कलाई में उनके कभी रंग- बिरंगी चूड़ियाँ नहीं होतीं, माथे को शौक से सिंदुर् से नहीं सजाया करती हैं, बल्कि लगा लेती हैं इस लिए कि वो सुहागन हैं, एक पतिवरता नारी हैं, कभी शौक से अपने हथेलियों पे मेंहदी नहीं रचाती हैं, बालों की खूबसूरत चोटियाँ नहीं बनाया करती हैं, बल्कि यूँ ही बालों को समेट लिया करती हैं, यूँ सा जूरा बना लिया करती हैं बालों की, होठों पे अपने लिपस्टिक नहीं लगाया करती हैं, कानों में खूबसूरत बालियाँ नहीं पहना करती हैं, हालांकि उन्हें बहुत पसंद होता है, पैरों में पायल नहीं पहना करतीं, हालांकि उन्हें बहुत पसंद होता है फिर भी, हाँ, कभी - कभी खुद को गहनों से लाद लिया करती हैं, साज- श्रृंगार भी कर लिया करती हैं, क्योंकि उन्हें दुनिया को दिखाना होता है खुद को खुश व बाश, पता नहीं क्यों करती हैं वो ऐसा, शायद उनका मन खाली हो चुका होता है, या शायद उनके मन के खालीपन को कोई भरने वाला नहीं होता, या शायद रह जाया करती हैं मन से अनछुई ही, या शायद उन के मन में प्रेम- अंकुर नहीं फूट पाते कभी, या अगर फूटते भी हैं तो, प्रस्फुटित नहीं हा पाते कभी। #kuch स्त्रियाँ होती हैं जिनका मन बंजर ज़मीं की तरह हो जाता है... #prem के फूल कभी नहीं खिला करते उनके लिए... #खंडहर - नुमा मकानों की तरह हो जाया करती हैं। #आसेब - ज़दा मकानों की तरह हो जाते हैं उनके मन, जहाँ कोई झॉंकना भी पसंद नहीं करता.... एक ख़लिश सी रह जाती है उनके मन में.. उनके मन का #khalipan भरने वाला कोई नहीं होता... #womenslife #yqdidi Pic- google ©Faza Saaz #Prem #Dard #Hindi #Naari #Women #Mnn #vyatha #Strings #Aurat #Cassette
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