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Anupama Jha
मृत्यु सत्य है और सत्य निष्ठुर #मृत्यु #सत्य #निष्ठुर #yqdidi
जीtendra
मेरे हाथो में अपने हाथ रख के खायी हुई क़सम की भी कोई तवज्जो नहीं की उसने, और निष्ठुर तो इतनी कि जाते जाते पैरों के निशां भी मिटा गई... #निष्ठुर #कसम #निशां #तवज्जो
pooja d
बाबू, पिल्लू, शोना त्याला काहीही म्हणा, निष्ठुर कुठला, पघळायच नावच घेईना....... #बाबू #पिल्लू #शोना #निष्ठुर
काव्यात्मक अंकुर
निष्ठुर मत निश्चित असलं की, निष्ठुर व्हायला वेळ लागत नाही. ©काव्यात्मक अंकुर #निष्ठुर #मत #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #Opinion #thought #story #experience #Life #oneliner
Poonam bagadia "punit"
उलझन इस बात की है कि ये निष्ठुर ज़िन्दगी दर्द मे उलझी है और हमें, तुझसे नाराज नही ज़िन्दगी... कह कर हर उलझन सुलझानी हैं...! ©Poonam bagadia "punit" ये उलझन सुलझें ना... #ज़िन्दगी #उलझन #निष्ठुर #Nojoto #nojotohindi #एहसास #Love #दिल #Dil #AdhureVakya
ये उलझन सुलझें ना... #ज़िन्दगी #उलझन #निष्ठुर #nojotohindi #एहसास #Love #दिल #Dil #AdhureVakya
read morePushpa Sharma "कृtt¥"
उसे न मेरे लब्ज़ सुनाई देते हैं और न ही उसे मेरे जज़्बातों से कोई सरोकार है, वो निष्ठुर के साथ अभिमानी भी है, पर करें क्या ये सब करने का, बस उसे ही अधिकार है। ©Pushpa Sharma #merelabaz #निष्ठुर #अभिमानी #Shades
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read more🌹kashu 💓sharma🌹
#वो स्त्री , जो सचमुच तुमसे प्यार करती है तुमको #छोड़कर जाने का फैसला एक #पल में नहीं करती। महीनों वो खुद को समझाती है और जिस दिन वो तुम्हारे बिना खुद को सम्हालना और समझाना सीख जाती है , ठीक उसी पल वो तुमको छोड़कर सिर्फ़ ख़ुद की हो जाती है। तुमको उस दिन से डरना चाहिए जिस दिन स्त्री प्रेम और स्वाभिमान में से , #स्वाभिमान को चुनती है। क्योंकि उसी दिन स्त्री तुमसे मिले प्रेम को #हीरे की तरह दिल में रख लेती है औऱ सारी दुनिया के लिए दिल के दरवाज़े सदा के लिए बंद कर लेती है। ये उसका अंतिम फैसला होता है तुमको छोड़ कर जाने का। स्त्री सहज #विद्रोही नहीं होती, विद्रोह करने से पहले वो बार-बार तुमको #एहसास कराती है कि " अब पहले जैसा प्रेम महसूस नहीं हो रहा है , प्रेम को कुछ वक्त दिया करो " तुम उसे और उसकी बातों को लापरवाही से टाल देते हो , और एक दिन वो तमाम यादें और प्रेम समेट कर तुमसे #दूर चली जाती है। एक बार प्रेम तज कर और प्रेम समेट कर जा चुकी स्त्री कभी पहली सी नहीं रह जाती। तुम्हारे जिस प्रेम ने उसे #कोमल और संतुलित बनाया था , तुम्हारा वही प्रेम उसे #जीवन भर के लिए कठोर और #निष्ठुर बना देता है। तुम लापरवाही में कभी जान ही नहीं पाते कि #मरते दम तक वो स्त्री दुबारा वैसी कभी नहीं बन पाती, जैसी वो तुमसे मिलने से पहले थी। अपनी #मौज में चलते तुम कभी जान ही नहीं पाते कि - "तुम एक हरी-भरी , खिली औऱ #खिलखिलाती स्त्री की हत्या कर चुके हो... . #WorldEnvironmentDay
Sultan Mohit Bajpai
मैं निष्ठुर हूँ प्रेम नही , तुम से कर सकूंगा । मैं विष हूँ अब कंठ तले,ना उतर सकूँगा ।। आज हमारे बीच , नही है इश्क मुहब्बत। लेकिन फिर भी ऐसे ना ,मैं मुकर सकूँगा ।। $.मोहित बाजपेयी...© #निष्ठुर... #NojotoHindi #Nojoto #EmotionalHindiQuotestatic #NojotoWodHindiQuotestatic #Quotes #Shayari #Poetry
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read moreपुनीत सम्यक
मैंने बुरे लोगों से सीखा है कि बुरा होना कितना बुरा होता है। धोखा देने वालों ने जब धोखा दिया तब मुझे पता चला कि धोखा खा कर कितना कष्ट होता है। छल करने वालो से जाना है कि किसी को छलना नहीं चाहिए। घमंडियों ने सहृदय बनाया मुझे, निष्ठुर लोगों ने मेरे दिल को मोम किया। हत्यारों से मैंने प्राण का मूल्य जाना। प्रेम को अपमानित करने वालों ने मुझे जीवन में प्रेम की कद्र करना सिखाया। अविश्वास करने वालों से मैंने विश्वास करने के महत्व को समझा। गैरजिम्मेदार लोगों ने ज़िम्मेदारी लेनी सिखाई। चरित्रहीन लोगों को देख कर मुझे चरित्र की ज़रूरत पता चली। सभी बुरे, निष्ठुर, अभिमानी, अविश्वासी, हत्यारों, चरित्रहीनों, कठोर और छलिया लोगों का शुक्रिया जिन्होंने मेरे जीवन में आ कर मुझे बताया कि मुझे उनके जैसे नहीं बनना है। इस तरह मुझे उन लोगों ने बनाया है, जिन्होंने मुझे बर्बाद करने में कोई कसर कभी नहीं छोड़ी। OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) Sandeep Renu Sihag Darpana Singh Deepika Dubey
OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) Sandeep Renu Sihag Darpana Singh Deepika Dubey
read moreSultan Mohit Bajpai
💐मेरा और उसका फैसला💐 ---–--------------------- मेरी एक कविता पूरी कविता कैप्सन में पढ़े समय/मेरा और उसका ---------–------–-- आज समय ने मेरे ऊपर कटाक्ष किया मैं समय को देखता रहा एक न्यायाधीश के रूप में समय व्यग्य करता रहा ,मुझपर की तुम नही समझे मेरा इशारा...
समय/मेरा और उसका ---------–------–-- आज समय ने मेरे ऊपर कटाक्ष किया मैं समय को देखता रहा एक न्यायाधीश के रूप में समय व्यग्य करता रहा ,मुझपर की तुम नही समझे मेरा इशारा...
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