Find the Best पूरणमल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about
Anand Kumar Ashodhiya
किस्सा भगत पूरणमल - रागनी 2 करता विनती बारम्बार, जाती क्यूँ ना भिक्षा डार । साधु कद का, खड़या सै, तेरी इंतजार में ।। गुरु गोरख मेरे धूणा लाते, कानकटे बाबा कहलाते। जाते हर नगर और गाम, भिक्षा ल्याणा म्हारा काम। कितै मिलज्या, कितै पाउँ, कोरी दुत्कार मैं ।। करता विनती बारम्बार दिल अपणे नै न्यू समझाउँ, मिलज्या जो भिक्षा तै डेरे नै जाउँ । गाउँ उस ईश्वर का गान, जिसकी बजै डमरु की तान । शिवजी भोला, जो नाचै, हो जग प्रलय संसार में ।। करता विनती बारम्बार भैरों बाबा भला करैगा, दुख पीड़ा तेरी सारी हरैगा। करैगा तेरा बेड़ा पार, यो सै मायावी संसार । कड़ तक, धंसी पड़ी सै, तूं दुख की गार में ।। करता विनती बारम्बार क्यूँ ना खाट तै तलै पाँह धरती, ज्यादा निद्रा मौत को बरती। करती फिरै सेहत का नाश, एक दिन रुकती सबकी साँस। जम के दूत, बिठालें, फेर अपणी कार में ।। करता विनती बारम्बार गुरूजनों को कैसे पाउँ, उनके जैसी कविता बणाउँ। आउँ ना मैं इब दोबारा, तेरा खड़या महल चौबारा । रमते जोगी, छिक ज्यांगे, आज पाणी की धार में ।। करता विनती बारम्बार सोनीपत जिला, शाहपुर डेरा, जित आनन्द का रैन बसेरा । फेरा लगै आगले साल, भिक्षा घाल चाहे मत घाल । पाप अर पुन्न का, न्याय होता, उस सच्चे दरबार में ।। करता विनती बारम्बार गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया ©Anand Kumar Ashodhiya #पूरणमल #हरयाणवी
Anand Kumar Ashodhiya
किस्सा भगत पूरणमल - रागनी 2 करता विनती बारम्बार, जाती क्यूँ ना भिक्षा डार । साधु कद का, खड़या सै, तेरी इंतजार में ।। गुरु गोरख मेरे धूणा लाते, कानकटे बाबा कहलाते। जाते हर नगर और गाम, भिक्षा ल्याणा म्हारा काम। कितै मिलज्या, कितै पाउँ, कोरी दुत्कार मैं ।। करता विनती बारम्बार दिल अपणे नै न्यू समझाउँ, मिलज्या जो भिक्षा तै डेरे नै जाउँ । गाउँ उस ईश्वर का गान, जिसकी बजै डमरु की तान । शिवजी भोला, जो नाचै, हो जग प्रलय संसार में ।। करता विनती बारम्बार भैरों बाबा भला करैगा, दुख पीड़ा तेरी सारी हरैगा। करैगा तेरा बेड़ा पार, यो सै मायावी संसार । कड़ तक, धंसी पड़ी सै, तूं दुख की गार में ।। करता विनती बारम्बार क्यूँ ना खाट तै तलै पाँह धरती, ज्यादा निद्रा मौत को बरती। करती फिरै सेहत का नाश, एक दिन रुकती सबकी साँस। जम के दूत, बिठालें, फेर अपणी कार में ।। करता विनती बारम्बार गुरूजनों को कैसे पाउँ, उनके जैसी कविता बणाउँ। आउँ ना मैं इब दोबारा, तेरा खड़या महल चौबारा । रमते जोगी, छिक ज्यांगे, आज पाणी की धार में ।। करता विनती बारम्बार सोनीपत जिला, शाहपुर डेरा, जित आनन्द का रैन बसेरा । फेरा लगै आगले साल, भिक्षा घाल चाहे मत घाल । पाप अर पुन्न का, न्याय होता, उस सच्चे दरबार में ।। करता विनती बारम्बार गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया ©Anand Kumar Ashodhiya #पूरणमल #हरयाणवी
Anand Kumar Ashodhiya
किस्सा भगत पूरणमल - रागनी 1 वृत्तांत : गुरु गोरखनाथ के साधुओं से पूरणमल की वार्ता तर्ज : मेरा घरा जाण नै जी कर रहया सै कौण कुएँ में करहावै सै, किसनै पकड़या डोल माणस सै के भूत भूतणी, कुछ तो मुख से बोल हम सन्यासी, रमते जोगी, गाम गाम में फिरते राह का जाणा, माँग के खाणा, ना ज्यादा लालच करते कभी यहाँ और कभी वहाँ, या सारी दुनिया गोल मैं एक बिचारा, दुःख का मारया, पड़या कुएँ में रोउँ सूँ रात और दिन, मुश्किल जीवन, दिन जिंदगी के खोउँ सूँ टोहूँ सूँ मैं उस ईश्वर नै, जो दे फंद बिफता के खोल ईश्वर भक्ति सच्ची शक्ति, ना और किसे तै डरते गुरु की प्यास बुझावण खातिर, डोल कुँएँ तै भरते लड़ते नहीं किसी बन्दे से यो, सच्चे गुरु का कौल आनन्दकुमार कहै मनै बचाल्यो, शाहपुर मेरा गाम बालअवस्था गुरु मिल्या ना, जिन्दगी पड़ी तमाम राम नाम का भजन करूँ, ये बाजै ढपड़े ढोल गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया ©Anand Kumar Ashodhiya #haryanviragni #पूरणमल
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited