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nisankochsingh2842
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Nisankoch Singh

निशा my hobbies writing, singing, Reading , and teaching.

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Nisankoch Singh

White लोगों की पहली पसंद होते है, ये लोग 
1_ जो आपका विरोध ना करें 
2 जो आपके कहे अनुसार चले।
3   जो आपसे आगे ना निकाल पाए।
4  जो चुप रह कर, सब कुछ सहे 
पर कुछ ना कहे।
5  कभी, अपनी राय ना दे,।
सीधे बने रहे,।

जो इनके विपरित जो होते है,
वो, लोगों की पसंद नही ,
प्रतिद्वंदी होते है।
कहते है, दोस्ती भी लोग स्वार्थ देखकर करते है।
स्वार्थ के लिए लोग दोस्त बना लेते है 
स्वार्थ के लिए दोस्ती को भुला देते है 
सोचो, कलयुग अभी नरम सीमा पर है, तब ये हाल है 
जब चरमसीमा पर होगा 
तब तो हाल बेहाल होगा।😊🙏🏻

©Nisankoch Singh #hindi_diwas
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Nisankoch Singh

White इंसाफ के तराज़ू में 
अगर चुंबक लगा हो,
तो न्याय, नहीं,
अन्याय ही होता है।

कहते है,
हिल जाए अगर कुर्सी 
,
तो सिर भी घूमता हैं,
ऐसे में इंसा, आसमां को नही 
धरती को चूमता है।

©Nisankoch Singh #GoodMorning
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Nisankoch Singh

White चल रहा था कोई धंधा 
हो रहा था कुछ तो गंदा 
जो उसकी आंखो ने देख लिया 
जिसका उसकी जुबा ने विरोध किया।
उसकी सजा, उसने इतनी भयंकर पाई 
शायद, गुनाह किया, उसने 
, जो आवाज़ उठाई।
अंग अंग से उसके खून बहा 
शैतानों की भूख का, उसने 
ना जाना कितना दर्द सहा।
चली गईं वो इस दुनिया से 
रूह अभी भी उसकी तड़पती होगी 
हे, दुर्गा, हे चंडी,, कहां हो मां 
यह कहती होगी।
हे मां, कब आप काली का 
रूप धरोगी 
कब इन राक्षसों का संहार करोगी।
मेरे रक्त की हर बूंद का 
बदला आपको लेना होगा 
कल युग की इस दुनिया में 
तुझे फिर आना होगा।
,मां सुन लो एक बेटी की पुकार 
बचा लो औरत के अस्तित्व को 
कर दो दुष्टों का संहार।
निसंकोच (स्वरचित)

©Nisankoch Singh
  #isro_day
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Nisankoch Singh

White आजादी तो सिर्फ अंग्रेजो से मिली है 
भ्रष्टाचार, और जुर्म की जड़े तो 
आज  इतनी गहरी हो गई है 
कि,सारी जनता इनके सामने 
गूंगी और बहरी हो गई है।
सही मायने में आजादी
 जुर्म से मुक्ति है, लेकिन जुर्म 
शान से कह रहा है,
मैं आजाद हूं तुम नही ,
भ्रष्टाचार, और बलात्कार
इनका नही है कोई आकार ।
कहते है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ 
पर बेटी बच कहां रही है 
वो तो आज भी बेटी होने पर रो रही है।
हे भारतवासियों, आजादी का जश्न तब मानना
 जब इन सब से, आजाद हो जाओ।
नही तो गूंगे बहरे हो कर सो जाओ।

कर्त्तव्य पथ पर चल ना सका 
है मां, मैं तेरे लिए लड़ ना सका 
बुराई के इस दलदल से,
चाह कर भी, मैं निकल ना सका।

©Nisankoch Singh
  #happy_independence_day
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Nisankoch Singh

White दोस्ती, के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता।
यह रिश्ता इतना अनमोल है।
इसका कोई दाम नही होता।
Happy friendship day 🧿❤️

©Nisankoch Singh
  #Sad_shayri
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Nisankoch Singh

द_दर्शन नही, दर्पण है 
ओ_ ओस  नहीं, बूंद है।
स्_ स्थान नही, स्थाई है।
त _तलवार नही ताकत है।
दोस्त,
वही जो सही राह दिखाए 
हर रिश्ते में दोस्ती का रूप नजर आ
आए।
happy friendship day

©Nisankoch Singh
  #Friendship
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Nisankoch Singh

White बड़ी मुद्दतो के बाद आज फिर,
अतीत में, हम घूम आए।
बांध कर ख्यालों की पोटली,
मन ही मन हम, मुस्कुराए।
कहा किसी ने,
नजर से बचना,
नजर से हटना,
नजर में रहना 
बड़ा मुश्किल था,
पर हमे भी पड़ा ये सब कहना,
नज़र का टीका लगा तो लें,
पर,हर नज़र में,तेरी ,नजर,
ही,नजर आए।

©Nisankoch Singh
  #Sad_shayri
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Nisankoch Singh

White बच्चों को हर खुशी जो देते,
ईश्वर की उस देन को पिता है कहते।
उंगली पकड़कर जो चलना सिखाए 
गिरे तो संभलना सिखाए 
कुदरत के उस करिश्में को पिता कहते है।
जो छाया बनकर खडा रहे 
हर मुश्किल में अडा रहे।
उस महान आत्मा को पिता कहते है।
पिता, पी जाता है हर गम 
पर बच्चों की खुशियों को 
होने नही देता कम।
उस अनमोल तोहफे को पिता कहते है 
बच्चों के सिर पर,
पिता का हमेशा हाथ रहे 
बच्चों और पिता का हमेशा
साथ रहे।

Happy father's day

©Nisankoch Singh
  #fathers_day
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Nisankoch Singh

Love Quotes in Hindi वो दिन भी क्या थे 
भरी दोपहरी में 
जब तुम आ जाते थे 
ठंडी सी छांव बनकर 
मेरे पास खड़े हो जाते थे।
और  कहते , मैं हूं ना।
जब बिजली कड़कती थी,
मेघ बरसते थे।
तुम छाता बनकर आते 
मेरे पास खड़े हो जाते।
और कहते, मैं हूं ना।
जब दिन ढल जाता 
अंधेरा घर कर जाता 
जब तुम ख्वाब बनकर आते 
मेरे पास खड़े हो जाते 
और कहते, मै हूं ना।
ठिठुरती ठंड में,
जब घना कोहरा छाया होता 
अंधकार से मन घबराया होता।
जब तुम, सूरज की रोशनी बनकर, आते 
ओर कहते, मैं हूं ना।
वो दिन भी क्या थे,
जब खामोशी भी बोलती थी 
और कहती थी,
मेरी सूरज किरण सिर्फ तुमसे है,
चांद की चांदनी सिर्फ तुमसे है,
आसमां के सितारें सिर्फ तुमसे है।
जिंदगी की हर सांस सिर्फ तुमसे है।
तुम हो तो मैं हूं ना।

©Nisankoch Singh
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Nisankoch Singh

White चांद की चांदनी में तुम दीप जलाने नही आना 
सितारों की छांव में, तुम जगाने नहीं आना ।
 मुद्दत्तो के बाद आया है ये पल,
मेरे ख्वाबों को तुम मिटाने नही आना।
बीत जाए जिंदगी का हर, पल सुकून से 
मेरी राहों में कांटे बिछाने नहीं आना।
बादल बनकर बरसे अगर मोती 
ए गम, तुम उन्हे चुराने नही आना।
बिखर रहे है, मोती ,खिल रही है निशा ,
खुबसूरत नजारे को ,नजर लगाने नही आना ।

©Nisankoch Singh
  #life_quotes
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