चंद्र सदृश मुख ,लटे लटकती जैसे लता
सांसों में पुस्पित सुंगंध,काया में कुसुम सी कोमलता
भीना झीना सा अंचल है , आंखे है कारी कजरारी
धनुष भौंह, नासिका बांसुरी, छबि बहुत ही है न्यारी
🔴🟣🔵🟡🟢
किसलय सा तनु,सुंदर सारी
उपमा करी सो जाए है थोरी
नुपुर छनन छन ,छन छन करती
चंद्र सदृश मुख ,लटे लटकती जैसे लता
सांसों में पुस्पित सुंगंध,काया में कुसुम सी कोमलता
भीना झीना सा अंचल है , आंखे है कारी कजरारी
धनुष भौंह, नासिका बांसुरी, छबि बहुत ही है न्यारी
कितना भी उपमित कर दू,
या आकृति बना दू
या लिख दूं तुझपे कोई लेख #Eyes#उपमा_अलंकार
👉( नैनों की व्यथा)
दूर हुए जब से अंतर्मन निचोड़ रहा है खुद को
चैन नही विश्राम नहीं शांति नही नैनो को
यूं दूर जाना तुम्हारा स्तंभित करता है मुझे
एक अहसास व स्पर्श तुम्हारा कुरेदता है मुझे
🔴🟠🟡🟢
मिल जाओ कहीं तुम एक बार जी भर देख तुम्हे लूं मैं
नैनो में तुम्हे बसा ,नैनो को बंद कर लूं मैं #Passion#Artist#Heart#Inspiration#lifelessons