युग बदल रहा है देखो युग बदल रहा है।। कलयुग में सतयुग का गमन हो रहा है।। चलता चला कारवाँ जिन्दगी का आँचल मे परी के देखो युग पल रहा है।। बदलता चला जा रहा रंग जीवन का पलपल ओचानी का गौरव बढ रहा है।। ठुमक ठुमक पग रखते हुए युग बढता चल रहा है।। जीवन की काया कि कैसी ये माया गजमुख ये मेरा किये चल रहा।। पलपल परिवर्तित ये प्रकृति परिवेश रंग वैसा ही तेरा पलपल बदल रहा है।। युग बदल रहा है देखो युग बदल रहा है।। Poem for my son #sonlove #beta