"क्या तुम मुझसे प्यार करोगे..?" मेरा चेहरा न ही सेंडल सी महक लिए है मेरे केश काली घटाओं- जैसे नहीं हैं न आँखें मछलियों-सी चमकीली न चाँद जैसी उजली हूँ न फूलों जैसी नाजुक, मेरे हाथ खुरदुरे और मजबूत हैं धूप में काम करने से स्याह पड़ गया है मेरा साँवला रंग जुटा लेती हूँ अपनी दो वक्त की रोटी खुद अपनी ही हाड़-तोड़ मेहनत से नहीं गड़ाती दूसरों के धन पर आँख मेरी देह से फूटती है एक आदिम गंध क्या तुम मुझसे प्यार करोगे..? .... वो स्त्री पूछ रही है जवाब दो... क्या तुम उससे प्यार करोगे..??? ! ! ! ! ! 💔 ❣️ "ज़िंदगी में ऐसे लोगों को पसंद कीजिये जिनका दिल चेहरे से भी ज्यादा खूबसूरत हो तभी वह प्यार के लिए आपके दिल पे ध्यान देंगे ना कि चेहरा बनाने पे!!"