ऐ मुसाफ़िर, तू मुंह लटकाए ऐसे मत खड़ा रह। हारो या फ़िर जंग जीतों, पर मैदान में डटा रह।। किस्मत भरोसे मत बैठ, ख़ुद लिख तक़दीर अपनी। ख़्वाबों को साकार करों, इतिहास बनाओ अपनी।। कर्म पथ पर चलते रहो, सत्य राह पर अडिग रहो। तस्वीर भी बदलेगी, बस निज फ़ैसले पर अडिग रहो।। कर ख़ुद में विश्वास तू, हर एक काम कर लेगा तू। गर है तुझमें हौसला, मंजिल भी फतेह कर लेगा तू।। # fairchallenge 8 📌दिये हुए विषय पर अपनी स्वयं की श्रेष्ठ रचना लिखिए। 📌रचना सिर्फ 6 से 8 पंक्तियां में होनी चाहिए। 📌अपनी रचना मे #gurumasdisciple टैग लगाकर पोस्ट करें।