ज़िक्र है कि.... इस बार कुछ यूँ होगा, ना दिल में कसक होगी... ना सर पे जूनूँ होगा, फलक में जो चमका सितारा था, उसका ताज-ए-अक्स हुमायूँ होगा, मुश्किलें तो मगर आएँगी ही, पर उनका असर अब सुकूँ होगा, तेरी राहों में मिल के चला हूँ जो, मुझसे मेरा ही रूबरु होगा | ©Kusumakar Pant इस बार कुछ यूँ होगा... #2021Wishes #nojoto_shayari #Shayari #nojoto #nojothindi #poetryunplugged #kusumakarkavya #kusumakarshayari बेबाक कन्नौज कवि मोहित मेरोठा