काश कुछ लंबे सफर कभी खत्म ही नही होते तो शायद खुद से थोड़ा ज्यादा रूबरू हम होते खुद से मुलाकाते थोड़ी ज्यादा होती तो शायद कभी किसी की इतनी जरूरत ही न होती खुद टूट कर तब खुद ही संभल जाते दोस्ती तब किसी और से नहीं तब शायद सिर्फ खुद ही से होती ना छोड़ कर कोई जाता कभी ना किसी के जाने से मन उदास होता कभी क्यों कुछ लोग इतने करीब आ गए कि जाते जाते मुझसे मेरा एक हिस्सा ही ले गए क्यों वो किस्से सब बेनाम हो गए हक से जिन्हे अपना कहा करती थी मैं वो सरे आम अब दूसरो के हो गए #nooneisreal #fakefriends