बे अदब बे मिजाज से हो गए तुम्हारी खैरियत को हम नजरंदाज हो गए भूले न कभी वफा तुम्हारी खता, कहर, हर सितम पर झूठा सवाल हो गए । अब रहें भी तो बच क्या जायेगा कत्ल के सारे झूठे इल्जाम मेरे सर हो गए । दुआ चाहती है मेरे उठे हाथों से बचे सांस पर मेरी रूह पर सिर्फ तुम्हारा नाम हो जाए। न कहेंगे कभी इल्जाम के हर दरख़्त से सुबहो शाम हो गए हम इस तरह तेरी खुशी में बदनाम हो गए। ©सौरभ अश्क #love #broken #बेबुनियादीरिश्ते #संभलने #LateNight