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बे अदब बे मिजाज से हो गए तुम्हारी खैरियत को हम नजर

बे अदब
बे मिजाज
से हो गए
तुम्हारी खैरियत को
हम नजरंदाज हो गए 

भूले न कभी 
वफा तुम्हारी
खता, कहर, 
हर सितम पर
झूठा सवाल हो गए ।

अब रहें भी तो
बच क्या जायेगा
कत्ल के सारे
झूठे इल्जाम 
मेरे सर हो गए ।

दुआ चाहती है
मेरे उठे हाथों से
बचे सांस पर
मेरी रूह पर
सिर्फ तुम्हारा
नाम हो जाए।

न कहेंगे कभी
इल्जाम के हर
दरख़्त से
सुबहो शाम हो गए
हम इस तरह
तेरी खुशी में बदनाम
हो गए।

©सौरभ अश्क #love
#broken
#बेबुनियादीरिश्ते 
#संभलने 

#LateNight
बे अदब
बे मिजाज
से हो गए
तुम्हारी खैरियत को
हम नजरंदाज हो गए 

भूले न कभी 
वफा तुम्हारी
खता, कहर, 
हर सितम पर
झूठा सवाल हो गए ।

अब रहें भी तो
बच क्या जायेगा
कत्ल के सारे
झूठे इल्जाम 
मेरे सर हो गए ।

दुआ चाहती है
मेरे उठे हाथों से
बचे सांस पर
मेरी रूह पर
सिर्फ तुम्हारा
नाम हो जाए।

न कहेंगे कभी
इल्जाम के हर
दरख़्त से
सुबहो शाम हो गए
हम इस तरह
तेरी खुशी में बदनाम
हो गए।

©सौरभ अश्क #love
#broken
#बेबुनियादीरिश्ते 
#संभलने 

#LateNight