ये तेरा सरकता दुपट्टा मुझे अच्छा नहीं लगता। तुझे कोई और भी देखे ये अच्छा नहीं लगता।। यूँ बेपरदा घर से निकलना, अच्छा नहीं लगता। क्या कहे जो तुझे बात मान्ना,अच्छा नहीं लगता।। वो चादं भी शरमाकर, कहीं छुप सा जाता है । दो चांद साथ निकले,उसे भी अच्छा नहीं लगता।। तेरी पायल कहीं बाहर खनके अच्छा नहीं लगता। कोई और सुने आवाज तेरी,अच्छा नहीं लगता।। यूँ गैरो से मुस्कुरा बाते करना,अच्छा नहीं लगता। भूल जाती तू वादा करके मुझे अच्छा नहीं लगता।। और अब तेरे बिना रहना, मुझे अच्छा नहीं लगता। आदत से मजबूर हूँ जान तुझे भुला नहीं सकता।। सैम🖌 #तेरेलिये NURI 😜.....(SARAVJEET KAUR)