बहुत कुछ लिखा मैंने, पर अभी दास्तां बाक़ी है। पाया मैंने बहुत कुछ, पर अभी ख्वाहिश बाक़ी है।। हर कसौटी पे चली, पर अभी इम्तिहान बाक़ी है। जी रही वर्तमान में, पर अभी इतिहास बाक़ी है।। किया मैंने बहुत कुछ, पर अभी ख़्वाब बाकी है। पूरा हुआ बहुत कुछ, पर अभी अरमान बाक़ी है।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-86 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।