जो भाग्य में लिखा है मिलकर वही रहेगा, जलधार है जहां को दरिया वहीं बहेगा । कहते हैं ये वही जिनमें प्राण अब नहीं हैं, संधान साधने को तय वाण अब नहीं हैं । ©Vivek Vistar जो भाग्य में लिखा है मिलकर वही रहेगा, जलधार है जहां को दरिया वहीं बहेगा । कहते हैं ये वही जिनमें प्राण अब नहीं हैं, संधान साधने को तय वाण अब नहीं हैं । Vivek Vistar