अभी बादशाहत का नशा उतरा हो, तो देखो उन शांत स्वरों को भी। अभी महलों ने तुम्हें जकड़ ली हो, तो देखो उन जलते घरों को भी। इक दौर बचाने की खातिर,इस दौर की कीमत तो जानो, जब भागते हो खुद गावों को, शहरों से परेशां होकर, प्रकृति के इस महादंश का अब तो इशारा पहचानो, हां अब तो इशारा पहचानो।।। 🖊️uk 🖊️ #deadhumanity