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बड़ी ही उलझन में जी रहा हूं आजकल  दिल में एक जंग 

बड़ी ही उलझन में जी रहा हूं आजकल

 दिल में एक जंग  सा चल रहा हैं।

 जो रिश्ते में अपने है अपनो सा व्यवहार नहीं करते।

  और जिन्हें चाहता हु दिलों जान से उन्हें लगता हम उन्हें प्यार नहीं करते।

   पर सच्चाई इन सब बातो से परे है।

    मैं ना अब घर का रहा न घाट का 

   बस बीच मझधार में खड़े है।

    कर्मक्षेत्र की असफलता से अब हार रहा हूं

    अरमानों को तो दबा  दिया था बरसो ,

    अब बचिखुची जिंदगी को जीते जी मार रहा हूं

    प्यार से हरा हूं, दिलमे नफरत सा पल रहा है

    बड़ी ही उलझन में जी रहा हूं आजकल

     दिल में एक जंग  सा चल रहा हैं।

©RAHUL PASWAN
  #Rahulpaswankolkata