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हाथों की लकीरों में ना जाने क्या लिखा है,, अनगिनत

हाथों की लकीरों में ना जाने क्या लिखा है,,
अनगिनत लोगों के दरमियान भी
हरदम एकेले होता हूं
ना जाने कितने हाथों ने छोड़ा है इन हाथों को
ना जाने कितनी ही बार 
किसी के हाथों को पकड़ने के हर प्रयास विफल रहे हैं
 कभी कहीं कोई अपनेपन का स्पर्श
 महसूस नही किया है इन हथेलियों ने

हर बार 
स्नेह, प्यार, दुलार, साथ, दयालुता, सहयोग,
भावात्मक, अपन्वतव, ओर सभी सकारात्मक
स्पर्शों से वंचित रही हैं ये हथेलियां और अंगुलिया
 काश  कोई  इक बार तो कम से कम
काश कोई थाम ले इन्हें
कब तक ये हमेशा छूटते रहेंगे, टूटते रहेंगे,
कापतें रहेंगे , बिखरते रहेगें,,,....

©Rakesh frnds4ever
  #sparsh 
#हाथोंकीलकीरों में ना जाने क्या लिखा है,,
अनगिनत लोगों के दरमियान  भी हरदम एकेले होता हूं
ना जाने कितने हाथों  ने छोड़ा है इन हाथों को
ना जाने कितनी ही बार 
किसी के हाथों को पकड़ने के हर प्रयास विफल रहे हैं
 कभी कहीं कोई #अपनेपन  का #स्पर्श 
 #महसूस  नही किया है इन #हथेलियों  ने

#sparsh #हाथोंकीलकीरों में ना जाने क्या लिखा है,, अनगिनत लोगों के दरमियान भी हरदम एकेले होता हूं ना जाने कितने हाथों ने छोड़ा है इन हाथों को ना जाने कितनी ही बार किसी के हाथों को पकड़ने के हर प्रयास विफल रहे हैं कभी कहीं कोई #अपनेपन का #स्पर्श #महसूस नही किया है इन #हथेलियों ने #प्यार #ज़िन्दगी #स्नेह #थाम #rakeshfrnds4ever

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