सोचता हूँ कि तुम्हें तोहफ़े में क्या दूँ? ख़ुद ही बनाऊँ या बाज़ार से मंगा दूँ। तुम्हारी मुहब्बत के मुक़ाबिल कुछ है जितनी की है उससे ज़्यादा वफ़ा दूँ। — % & #shamaurtanhai #41/365 #365days365quotes #wafa #mukabil #muhbbat #zyada