#OpenPoetry 13 वर्ष अल्प आयु , अजमेर की गद्दी पर वीराज हुआ । धन्य हुआ इतिहास उस दिन , नाम दर्ज जिस दिन पृथ्वीराज चौहान हुआ। गौरी की औकात थी क्या , जो जीत पाता उससे बिन छल से लडकर। जिसने 11 वर्ष कि आयु मे , बिन कोई हथियार के शेर का मुख था फाड दिया। जिस उम्र मे बालक खेले कुदे , उस उम्र वो सम्राट कहलाए। लिखु मे क्या उनके बारे , उनके महान वयक्तित्व के आगे हर शब्द खडे शीश झुकाए। शब्द भेद के ज्ञाता , पृथ्वीराज चौहान जैसे वीर महान सदियों मे एक बार ही जन्मे जाए। - रोहित बैरागी