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सम्मान, दुआएं, यादें, प्यार बहुत कुछ लेकर जा रहा ह

सम्मान, दुआएं, यादें, प्यार
बहुत कुछ लेकर जा रहा हूँ मैं ।
ये बात और है कि 
आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।।

यहाँ की हवा, मिट्टी और पानी
अब अंतस में शामिल हैं मेरे ।
लोगों के दिलों में घर कर गया
ये सोचकर आज इतरा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

जब होगी बात अपनों की
तो हमारा भी ज़िक्र होगा यहाँ ।
सतपुड़ा की इन वादियों को
अपनी एक कहानी देकर जा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

ज़िंदादिल लोगों की इस नगरी में
स्नेह, शान्ति और भाईचारे का बसेरा है ।
होकर यहाँ का क्षणिक बाशिंदा
ख़ुद की क़िस्मत पर इतरा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

मिला साथ इतना कि
अज़नबी भी अपना लगने लगे ।
मिलना, बिछड़ना दस्तूर है
बिछड़ने का ग़म लेकर जा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

©AMLESH KUMAR #SAD #poem #meomories #diary #Life
सम्मान, दुआएं, यादें, प्यार
बहुत कुछ लेकर जा रहा हूँ मैं ।
ये बात और है कि 
आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।।

यहाँ की हवा, मिट्टी और पानी
अब अंतस में शामिल हैं मेरे ।
लोगों के दिलों में घर कर गया
ये सोचकर आज इतरा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

जब होगी बात अपनों की
तो हमारा भी ज़िक्र होगा यहाँ ।
सतपुड़ा की इन वादियों को
अपनी एक कहानी देकर जा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

ज़िंदादिल लोगों की इस नगरी में
स्नेह, शान्ति और भाईचारे का बसेरा है ।
होकर यहाँ का क्षणिक बाशिंदा
ख़ुद की क़िस्मत पर इतरा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

मिला साथ इतना कि
अज़नबी भी अपना लगने लगे ।
मिलना, बिछड़ना दस्तूर है
बिछड़ने का ग़म लेकर जा रहा हूँ मैं ।।

आज विरह गीत गा रहा हूँ मैं ।

©AMLESH KUMAR #SAD #poem #meomories #diary #Life
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AMLESH KUMAR

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