कल शाम की बात है फिर वही जज़्बात है, तुम पिघलना आहिस्ते आहिस्ते बांहो में मेरी कि फिर वही चाँद तारो की सौगात है़ #ढलती #शाम #जज़्बात #पिघलना #आहिस्ते #बाहें #चाँद #तारे #सौगात