#सुनिएगा असंभव तो नहीं अपने प्रेम को पाना क्या यह काफी नहीं मेरा तुम्हारे प्रेम में खो जाना? दूर हैं हम यह बस नजरों की मजबूरियां हैं दिल से देखा तुमने क्या लगती तुम को जरा सी भी दूरियां है? क्या तुम समझ पा रहे हो प्रेम को? यह अनकहे एहसासों को या तुम्हें देखते ही मेरे चेहरे पर आती रौनको को अगर हां.... तुम समझ पा रहे हो इन जज्बातों को तो क्या तुम सम्मान कर पाओगे? स्माइली की इमोजी ना भेज कर मेरे चेहरे पर मुस्कान ला पाओगे क्या तुम मुझसे बेइंतहा प्रेम कर पाओगे? क्या सिर्फ तुम मुझे अपने दिल में रख पाओगे नामुमकिन तो कुछ भी नहीं लेकिन फिर भी पूछती हूं... प्रेम तो सभी करते हैं लेकिन क्या तुम निभा पाओगे? #स्नेहा #सुनिएगा